नई दिल्ली। कोयला क्षेत्र में संबंधित प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचे सहित कोयला खनन गतिविधियों के लिए स्वत: रूट के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) का निर्णय मोदी सरकार का सबसे बड़ा सुधार है जिससे सभी को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने एक वक्तव्य में कहा, '100 प्रतिशत एफडीआई हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से भारत में एक दक्ष एवं प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार का सृजन होगा। यह उम्मीद की जा रही है कि देश में अत्याधुनिक कोयला खनन प्रौद्योगिकी आएगी जिससे पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ खनन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इस निर्णय से कोयला भंडार वाले क्षेत्रों में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे और इसका इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर सकारात्मक असर पड़ेगा।' उन्होंने कहा कि इस सुधार से कोयला भंडार वाले राज्यों को और ज्यादा राजस्व प्राप्त होने में काफी मदद मिलने की संभावना है। इसके साथ ही एक दक्ष एवं प्रतिस्पर्धी कोयला बाजार के सृजन के लिए कई और कंपनियों का आगमन होने की उम्मीद है।
उन्होंने इस कदम को 'कारोबार में सुगमता' सुनिश्चित करने का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था के विकास को नई गति मिलेगी। श्री जोशी ने यह बात दोहराई कि इस कदम से देश में ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग भी प्रशस्त होगा क्योंकि भारत में 70 प्रतिशत बिजली ताप विद्युत संयंत्रों से उत्पादित होती है।
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