नई दिल्ली। पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (एनईआरएलपी) ने मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के 11 जिलों के 58 विकास खंडों के अंतर्गत 1,645 गांवों में गरीबों को सशक्त बनाया और 300,000 परिवारों की आजीविका में सुधार किया। इस परियोजना के अंतर्गत कौशल विकास और नियोजन में 10462 लड़के/लड़कियों को विभिन्न कौशलों का प्रशिक्षण दिया गया और आज उनमें से 5494 को रोजगार मिला हुआ है।
एनईआरएलपी विश्व बैंक से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अंतर्गत 683 करोड़ रुपये (144.4 मिलियन अमरीकी डॉलर) की बहु-राज्यीय आजीविका परियोजना है जिसकी शुरुआत 2012 में हुई थी। इस परियोजना को मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के 11 जिलों में लागू किया गया था परियोजना का उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बेरोजगार युवकों और वंचितों सी आजीविका में सुधार लाना है।
परियोजना में सामाजिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, साझेदारी विकास परियोजना प्रबंधन और आजीविका तथा मूल्य श्रृंखला विकास पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है।
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