हे कृष्णा तुझको फ़िर से आना होगा
अधर्म पे धर्म की जीत दिखाना होगा
कभी चन्द्र तो कभी अशोक बनकर
अखण्ड भारत तुझको बनाना होगा
माँ जीजाबाई को मान यशोदा मैया
छत्रपती का मान तुझको पाना होगा
लेकर चेतक और रामचन्द्र जैसे साथी
जानवर होते वफ़ादार समझाना होगा
आना देख गुरु गोविन्द बन तू इक दिन
गुरु मनायो ग्रँथ यहाँ यही बताना होगा
कोई आसाराम रामपाल इच्छादारी बन
लुटे ना कोई पंचाली तुम्हें बचाना होगा
देखा था भगतसिंह के रूप में तुझको
कि सुभाष तरह खून अब बहाना होगा
बस बहुत लूट चुके तेरी जन्मभूमि को
राम बन या कृष्ण देश तुझे बचाना होगा
अशोक सपड़ा हमदर्द की क़लम से
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