समीक्षा न्यूज
जी साहब अपने ओल्ड होम मिनिस्ट्री के साहब के लिए एक कविता बनती है ना तो आज try टाइम मिला तो
जोर से बोलो यारो की चोकीदार चोर है
चोरों को पड़ गए कि लगता अब मोर है
जितने भी पाकिस्तान के एजेन्ट हिन्द में
उनके नाम का मीडिया पाक करें शोर है
माया ममता महबूबा अपनी ताकत वहाँ
कहाँ तक देखेंगे मोदी का चलता जोर है
जब संसद के अंदर बैठे दलाल अपने हो
ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते प्रधानमंत्री चोर है
खाँसी वाला भी यूँ खाँसी खमोश करता
उसकी खाँसी पे नहीं करता कोई गौर है
क्या दिन की 370 के बाद बदलने लगे यूँ
चीन पाक का खत्म हुआ ,नापाक दौर है
आज़म, अब्दुल्ला ,चिदम्बरम लालू से तो
लगता हमकों सच में बैठे चोकीदार चोर है
राहुल चिल्ला चिल्ला कर के हार गया कि
अपना चौकी दार चोर है चौकी दार चोर है
अशोक सपड़ा हमदर्द
दिल्ली से
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