नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग तथा राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता ज्ञापन पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में अपर सचिव सुश्री उपमा श्रीवास्तव और विशेष सचिव तथा महानिदेशक (एनएसीओ एंड आरएनटीसीपी), केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय श्री संजीव कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया और केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में सचिव श्रीमती नीलम साहनी और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव श्रीमती प्रीति सूदन भी उपस्थित थे।
एमओयू के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
एनएपीडीडीआर और नाको कार्यक्रमों में जागरूकता पैदा करने के लिए नाको और ड्रग मांग न्यूनीकरण के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) के लक्षित समूहों को शामिल करना।
नाको द्वारा समर्थित ड्रग यूजर्स टार्गेटेड इंटरवेंशन (आईडीयू-टीआई) और डीएसजेई द्वारा समर्थित नशा करने वाले व्यक्तियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र (डीएसजेई) के बीच संबंधों और प्रभावी तालमेल को बढ़ाना।
व्यक्तिगत, परिवार, कार्यस्थल और समस्त समाज पर बड़े पैमाने पर पढ़ने वाले ड्रग्स के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और उन्हें शिक्षित बनाना तथा नशा करने वाले व्यक्तियों को दोबारा समाज में वापस लाने के लिए ड्रग्स पर निर्भर समूहों और व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव को कम करना।
नशीली दवाओं की लत के उपचार के लिए सेवा वितरण तंत्र को मजबूत बनाने के लिए मानव संसाधनों और क्षमता निर्माण का विकास करना।
सामाजिक अलगाव का सामना होने के कारण एचआईवी और नशीली दवाओं के दुरूपयोग के कारण ट्रांसजेंडरों के सामाजिक समावेशन और सशक्तीकरण के उद्देश्य के लिए कल्याणकारी योजना विकसित करना।
एचआईवी/एसटीआई के बारे में निवारक जोखिम न्यूनीकरण संदेशों के माध्यम से नशीली दवाओं का उपयोग करने वाले व्यक्तियों में एचआईवी फैलने के जोखिम से निपटना और एकीकृत परीक्षण और परामर्श केंद्र (आईसीटीसी) और अन्य सेवाओं के साथ संबंध स्थापित करना।
एचआईवी/एड्स पीड़ितों, नशीली दवाओं के उपयोग के शिकार व्यक्तियों, महिला यौनकर्मियों और भीख मांगने वाले व्यक्तियों और ट्रांसजेडर जैसे भेदभाव के शिकार कमजोर समूहों के सशक्तिकरण के लिए काम करना तथा इन सभी के मानव अधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सहायक और सौहार्दपूर्ण माहौल उपलब्ध कराकर सामाजिक सुरक्षा और मनो-सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
सामाजिक सुरक्षा और नशे के आदी व्यक्तियों को एनएसीओ के लिए लक्षित समूह के रूप में महिला यौनकर्मियों और ट्रांसजेंडर को एक लक्षित समूह के रूप में शामिल करना।
नशीली दवाओं के शिकार व्यक्तियों और बच्चों तथा एचआईवी/एड्स के साथ जीवन व्यतीत कर रहे व्यक्तियों के खिलाफ सामाजिक कलंक और भेदभाव की घटनाओं को शिक्षापूर्ण कार्यक्रम के माध्यम से कम करना।
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