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ग़ाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद जिला गाजियाबाद के तत्वावधान में महर्षि दयानन्द संस्कृत गुरुकुल महाविद्यालय, पटेल मार्ग में आयोजित यज्ञोपवीत व युवा संस्कार समारोह में 150 युवकों व युवतियों को यज्ञोपवीत धारण कराया गया।यज्ञ के ब्रह्मा श्री महेंद्र भाई ने यज्ञोपरान्त युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुये कहा कि यज्ञ से त्याग व उपकार की भावना जागृत होती है यज्ञोपवीत हमारी पुरातन गौरवशाली संस्कृति का आधार है।समारोह में सेकड़ों आर्य जनों ने भाग लेकर महर्षि दयानन्द के पदचिन्हों पर चलने,नशा मुक्त समाज की स्थापना करने,एवं बीड़ी-सिगरेट, अंडा मांस,शराब तथा गुटके से दूर रहने का संकल्प लिया।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ अनिल आर्य ने कहा कि सदा से ही युवा पीढ़ी समाज सुधार करती आई है ओर आज भी करना होगा समाज में फैली हर बुराई को दूर करने का बीड़ा उठाना होगा । अब चाहे वे बुराईयाँ दैहिक हों, दैविक हों,मानसिक हों, सामाजिक हों,भौतिक हों या फिर राजकीय हों,आज कल के युवकों को हम शिक्षा तो दे रहे हैं पर दिशा नहीं आज युवकों को सही दिशा का ज्ञान अपने कर्तव्यों का ज्ञान सुचारू रूप से होना बहुत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि संस्कारित एवं देश भक्त युवकों का निर्माण ही आर्य समाज का लक्ष्य है।
गुरुकुल के प्रबंधक श्री तेज पाल जी ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया,उन्होंने कहा कि व्यक्ति का निज जीवन समाज के लिये आदर्श होना चाहिये,आपके जीवन को देखकर ही व्यक्ति आपके अनुगामी बनेंगे।उपनयन का अर्थ है समीपता को प्राप्त करना,आचार्य की समीपता को प्राप्त करके बालक शिक्षा द्वारा अपने जीवन को समुन्नत करता है,शिक्षा व्यक्ति को काम करने में समर्थ बनाती है।
समारोह के मुख्य वक्ता व सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के कोषाध्यक्ष पं० माया प्रकाश त्यागी ने अपने उद्बोधन में कहा कि चरित्रवान युवक ही राष्ट्र विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं क्योंकि चारित्रिक बल सबसे बड़ा बल होता है।युवकों को जीवन मे समयबद्धता, अनुशाशन,माता पिता के आज्ञाकारी,आत्मविश्वासी,संकल्पवान ओर देशभक्त होना चाहिये।ऐसे देश भक्तों का आर्य युवक परिषद निर्माण करती है।चरित्र निर्माण समाज की महती आवश्यकता है।
प्राचार्य दिनेश कुमार शुक्ला जी ने कहा कि उपनयन संस्कार जीवन निर्माण की आधारशिला है यजोपवीत के तीन धागे स्वजीवन को समुन्नत बनाना तथा राष्ट्र के लिये भावी सन्तति समुन्नत बना कर देने के व्रत का प्रतीक हैं।प्रत्येक भारतीय का यह संस्कार होना चाहिये जिससे राष्ट्र में सद्चरित्र शिक्षित नागरिक उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर परिषद के प्रांतीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि धर्म समाज को जोड़ता है,तोड़ता नही,वैदिक धर्म सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करता है।पारिवारिक सद्भावना के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता, समाज का उत्थान-राष्ट्र का उद्धार नहीं हो सकता।श्रेष्ठ संस्कारों से ही युवा पीढ़ी उत्थान के शिखर पर पहुंच सकती है।
विशेषामन्त्रित डॉ वीरपाल विद्यालंकार जी ने कहा की युवा पीढ़ी में नशे की आदत के साथ बढ़ रही है जिससे प्रदेश का भविष्य खतरे में है।
जिला सभा के प्रधान श्री ज्ञानेन्द्र सिंह आर्य ने कहा की कन्या भ्रूण हत्या की समस्या बढ़ती जा रही है जो की देश के लिए चिंता जनक है। हमें इसकी गंभीरता को समझना चाहिए और साथ ही आज फिर समाज में पाखंड और अन्ध विश्वाश बढ़ रहे है जिसका भोले भाले लोग शिकार हो जाते है आर्य जनो को चाहिए की वो समाज में इन बुराइयों को दूर करने के लिए मैदान में आगे आएं।
प्रसिद्ध भजनोपदेशक श्री शिशु पाल आर्य,सोनिया जी,शास्त्री मनीषा आर्या और नरेश आर्य द्वारा गाये गए अद्भुत भजनों ने लोगों को झूमा दिया।
समारोह अध्यक्ष स्वदेशी फार्मेसी के निदेशक डॉ आर के आर्य ने कहा की आर्य समाज का आजादी में महत्त्व पूर्ण योगदान रहा है अब आर्य जनों को राष्ट्र रक्षा के लिये तैयार रहना होगा, पर्यावरण शुद्धि हेतु उन्होंने यज्ञ के साथ साथ वृक्षरोपण व जल- संचय पर बल दिया।
केंद्रीय आर्य युवक परिषद नंदग्राम शाखा के युवक युवतिओं द्वारा भव्य योग व्यायाम एवं शारीरिक शक्ति प्रदर्शन किया गया जिसकी दर्शकों ने बहुत प्रशंसा की।
समारोह का कुशल सञ्चालन केंद्रीय आर्य युवक परिषद् के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य व प्रान्तीय मुख्य शिक्षक श्री सौरभ गुप्ता ने किया।
समारोह को सफल बनाने में सौरभ गुप्ता,त्रिलोक,विकास कुमार, गौरव गुप्ता,पिंटू आर्य, प्रगति,राजेंद्र,नरेंद्र आर्य आदि का विशेष योगदान रहा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री प्रमोद चौधरी,चौ.मंगल सिंह,सुरेश आर्य, वीर सिंह,संदीप त्यागी,यज्ञवीर चौहान,विजय आर्य,देवेन्द्र आर्य, राहुल आर्य, नरेंद्र आर्य आदि उपस्थित रहे।
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