नई दिल्ली। तपेदिक (टीबी) के खिलाफ लड़ाई में आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकी के प्रयोग के तरीके खोजने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय टीबी विभाग ने वाधवानी इंस्टीट्यूट फॉर ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू पर संयुक्त सचिव एचएफडब्ल्यू श्री विकास शील और वाधवानी एआई के सीईओ डा. पी आनंदन ने हस्ताक्षर किए।
इस सहभागिता में वाधवानी एआई राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम को ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तैयार करेगा, जिसमें इसे विकसित करना, मार्गदर्शन करना और एआई आधारित समाधान को विस्तार देना शामिल है। यह इस कार्यक्रम को अतिसंवेदनशीलता और हॉट-स्पॉट मैपिंग में मदद देगा। स्क्रीनिंग एवं डायग्नोस्टिक्स के नए तरीकों के प्रतिरूपण और ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अन्य प्रौद्योगिकियों को अपनाने में आरएनटीसीपी का साथ देने के अलावा देखभाल करने वालों को फैसला लेने में सहायता उपलब्ध कराएगा।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई तकनीक को अपनाने में संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम आगे आया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हेल्थकेयर क्षेत्र को एक अलग अवसर प्रदान कर रहा है, इसमें दक्षता ला रहा है। इससे संसाधनों की बचत हो रही है और गुणवत्ता वाली सेवाओं की आपूर्ति बढ़ाने एवं जांच में सटीकता लाने में मदद मिल रही है। इस क्षेत्र में इसके उपयोग से काफी अच्छे नतीजे आने की संभावना है, खासकर ऐसे परिस्थिति में, जहां संसाधन सीमित हैं। भारत वैश्विक सतत विकास लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक टीबी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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