नई दिल्ली। वनीकरण को बढ़ावा देने और देश के हरित उद्देश्यों की प्राप्ति को प्रोत्साहन देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज सीएएमपीए को 47,436 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे। नई दिल्ली में आयोजित राज्य के वन मंत्रियों और अधिकारियों की एक बैठक के दौरान पर्यावरण मंत्री ने कहा, “वनों के लिए राज्य का बजट अप्रभावित रहेगा और हस्तांतरित की जा रही धनराशि राज्य के बजट के अतिरिक्त होगी तथा आशा है कि सभी राज्य इस धनराशि का उपयोग वन और वृक्षों का आवरण बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए वानिकी कार्यकलापों में करेंगे, जिससे वर्ष 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के समान अतिरिक्त कार्बन सिंक (यानी वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण) होगा।” पर्यावरण मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएएमपीए कोष का उपयोग वेतन के भुगतान, यात्रा भत्ते, चिकित्सा व्यय आदि के लिए नहीं किया जा सकता है।
वन संपदा और देश की पारिस्थितिकी की सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा, “जिन महत्वपूर्ण गतिविधियों पर इस धन का उपयोग किया जाएगा उनमें - क्षतिपूरक वनीकरण, जलग्रहण क्षेत्र का उपचार, वन्यजीव प्रबंधन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक सम्पोषण, वनों में लगने वाली आग की रोकथाम और उस पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों, वन में मृदा एवं आद्रता संरक्षण कार्य, वन्य जीव पर्यावास में सुधार, जैव विविधता और जैव संसाधनों का प्रबन्धन, वानिकी में अनुसंधान तथा सीएएमपीए कार्यों की निगरानी आदि शामिल हैं।
सीएएमपीए की पृष्ठभूमि
राज्यों में क्षतिपूरक वनीकरण के लिए एकत्र धनराशि का राज्यों द्वारा अल्प उपयोग किये जाने संबंधी शुरूआती अनुभव के साथ माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2001 में क्षतिपूरक वनीकरण कोष एवं क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) की स्थापना का आदेश दिया। 2006 में पृथक बैंक खाते खोले गए और क्षतिपूरक लेवी उनमें जमा कराई गई तथा क्षतिपूरक वनीकरण कोष के प्रबन्धन के लिए तदर्थ सीएएमपीए की स्थापना की गई। 2009 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों/संघशासित प्रदेशों को क्षतिपूरक वनीकरण तथा अन्य गतिविधियों के लिए प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपए की राशि जारी करने की अनुमति दी। सीएएफ नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद 28 जनवरी, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी से तदर्थ सीएएमपीए से 54,685 करोड़ रुपए की राशि भारत सरकार के नियंत्रण में लाई गई। अब तक 27 राज्य/संघशासित प्रदेश केंद्र सरकार से धनरााशि प्राप्त करने के लिए अपने खाते खुलवा चुके हैं और आज उन राज्यों को 47,436 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित की गई। इस राशि का उपयोग सीएएफ अधिनियम एवं सीएएफ नियमों के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
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Thursday 29 August 2019
विभिन्न राज्यों में वनीकरण के लिए केन्द्र ने 47,436 करोड़ की राशि जारी की
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