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महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे व टी-20 से सन्यास की घोषणा कर दी उसी अंदाज में, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, धोनी की खासियत रही कि उन्होंने अपने फैसलों से हमेशा विरोधियों को चौंकाया चाहे वो टी-20 वर्ल्ड कप में जोगिंदर शर्मा से आखरी ओवर डलवाना हो या विश्व कप फाइनल में युवराज सिंह से पहले बैटिंग कराना, उन्होंने हमेशा कुछ अलग करके विरोधियों को चकित किया इसका प्रमुख कारण उनकी एकाग्रता जो आम खिलाड़ियों की तरह जल्द भांग नहीं होती थी, जिसके कारण वो दबाव में भी अच्छे फैंसले ले पाते थे, दुनिया में बड़े से बड़ा खिलाड़ी भी दबाव में आ जाता है जिससे उसका प्रदर्शन प्रभावित हो जाता है चाहे वो तेंदुलकर हो या लारा लेकिन धोनी अक्सर दबाव में अच्छा प्रदर्शन करता था जिसके कारण वो एक महान खिलाड़ी व कप्तान बनने में सफल रहे, हालांकि धोनी को वो विदाई नहीं मिली जो एक मैच विनर व महान कप्तान को मिलनी चाहिए थी ऐसे महान खिलाड़ी की विदाई भी महान होनी चाहिए ऐसा हर देशवासी चाहते हैं,धोनी के साथ ऑस्ट्रेलिया के महान कप्तान स्टीव वॉ का भी नाम लिया जा सकता है दोनों खिलाड़ियों में कुछ समानताएं थी जैसा दोनों ने अपनी टीम को विश्व विजेता बनाया व दोनों अपने समय के टफ फाइटर रहे स्टीव व धोनी दोनों दबाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते थे जब उनकी टीम संकट में होती थी तो उनका प्रदर्शन संकट मोचक की तरह टीम के काम आता था दोनों ही मैच को अंतिम गेंद तक ले जाकर जिताने में विश्वास रखते थे दोनों में एक और खासियत थी कि दोनों की एकाग्रता गजब की थी, हालांकि दोनों टीमों की तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि स्टीव के पास एक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया टीम थी जिसमें है कई मैच विनर थे जबकि धोनी ने युवाओं को मैच विनर बनना सिखाया भारतीय क्रिकेट टीम को नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले धोनी ने भी कई मौकों पर असफलता पाई पिछले साल हुए वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में धोनी नाजुक मौके पर रन आउट हुए जबकि अगर वो मैच वो जीता देते तो उनके लिए बहुत बड़ी विदाई होती परंतु यही क्रिकेट का स्वरूप है बड़े-बड़े योद्धाओं को भी पराजय देखनी पड़ती है धोनी ने अपने क्रिकेट जीवन में देश को बहुत कुछ दिया सबसे बड़ा मंत्र युवा पीढ़ी को उनका यही है कि कभी हार मत मानो, आखिर तक लड़ाई लड़ो, शांत व एकाग्र रहो, अपने ऊपर दबाव मत आने दो, अपना स्वाभाविक खेल खेलो जिससे जीतने वह लड़कर हारने की संभावना सदा रहेगी धोनी के फैंस के लिए यह दुख की बात, क्योंकि वो उसे अभी टी-20 विश्व कप खेलते देखना चाहते थे परंतु आईपीएल में एक दो सीजन हम धोनी को देख सकेंगे।
लेखक: वरिष्ठ समाजसेवी सिकंदर यादव
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