नारी जाति के उद्धारक थे महर्षि दयानन्द -आर्य नेत्री उर्मिला आर्या
नारियों के लिए शिक्षा के द्वार खोले सर्वप्रथम आर्य समाज ने -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाज़ियाबाद। बुधवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आर्य महिला संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन गूगल मीट पर किया गया।परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने आगामी दो वर्ष के लिए उर्मिला आर्या को आर्य युवती परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया व उन्हें शेष कार्यकारिणी बनाने का अधिकार दिया।यह कोरोना काल मे परिषद का 86वां वेबिनार था।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि 19वीं सदी में भारतीय समाज में नारी की दशा बहुत ही दयनीय थी।आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने नारी को पुरुष के समान अधिकार दिया।स्त्री जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वार खोल दिए। महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के निर्देशानुसार आर्य समाज ने पूरे देश में कन्या पाठशाला एवं गुरुकुल खोल दिए।आर्य समाज ने बाल विवाह,सती प्रथा जैसी कुरीतियां बंद करवाई।विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार प्रदान कर आर्य समाज ने नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।सबसे पहला कन्या महाविद्यालय स्वामी श्रद्धानंद जी ने जालंधर में खोल कर बालिकाओं को शिक्षा का अधिकार दिया।
आर्य नेत्री शिक्षा विद अर्चना पुष्करणा ने कहा कि स्वामी दयानन्द ने जन सामान्य को समझाया कि शिक्षा के बिना व्यक्ति अधूरा है।नारी भी जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक जागरुक नहीं हो सकती,वह अपने अस्तित्व को,अपने महत्त्व को नहीं समझ सकती।अतः वेदों की विद्या जो ताले में बन्द थी देव दयानन्द ने उसकी कुञ्जी न केवल पुरुषों के लिए अपितु स्त्रियों के लिए भी सुलभ करवायी।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वर्तमान समय में नारी सभी क्षेत्रों में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही है। नारी को समाज के नवनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाना होगा तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो सकता है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए आर्य युवती परिषद को सशक्त संगठन बनाने का आह्वान किया।
आर्य रत्न संगीता आर्या "गीत",स्वेगा आर्या,चंद्रकांता आर्या(बैंगलोर),संध्या पाण्डेय, सोहन लाल मुखी,डॉ रचना चावला,दीप्ति सपरा,प्रतिभा सपरा,गीता गर्ग,उषा आहूजा, नरेश खन्ना,पुष्पा चुघ,उर्मिला आर्या(गुरुग्राम) आदि ने गीत संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई,आनन्द प्रकाश आर्य(हापुड़), डॉ सुषमा आर्या,आनन्द स्वरूप चावला(फरीदाबाद),वीना वोहरा, रचना आहूजा,विजया रानी शर्मा, राजेश मेहंदीरत्ता आदि उपस्थित थे।
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