Sunday 20 September 2020

ब्राह्मण पंचायत आयोजित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। भगवान परशुराम वंशज कुल ब्राह्मणों का हुआ संगम एक स्वर में सभी ब्राह्मणों ने अपने आप को भगवान परशुराम वंशज कुल ब्राह्मणों की मान मर्यादा को जीवित रखने के लिए कहां धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणास्रोत भगवान परशुराम महर्षि थे तथा उच्च संस्कृति के प्रतिनिधि भी थे और बलि, भयंकर ,दुर्जेय, प्रतापी, और दृढ़ विजेता थे ।इस वीर जामदगगेय से इतनी प्रभावित हुई कि अनेक गुण लक्षण और पराक्रम के प्रयायवाची परशुराम बन गये। उन्होंने पृथ्वी को 21 बार राक्षसी वृत्ति के क्षत्रियों से विहीन किया और समस्त वसुंधरा यज्ञ के समय दान में दे डाली ।धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणा स्रोत भगवान परशुराम का स्मरण कर  यहां का ब्राह्मण वर्ग अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करता है  परंतु क्या अपने प्रेरणास्रोत भगवान परशुराम जैसा तेज और त्याग आज  इनमें कहीं है  क्या अपने बच्चों में ऐसे संस्कार पुल पल्लवित करते हैं जो  उस ऋषि कुल परंपरा में हो ।हम यज्ञ  और अनुष्ठान भूल गए हैं । यज्ञोपवीत की तेजस्विता हमसे लुप्त हो गई है  हो भी क्यों न   हम यगोपवित धारण ही नहीं करते । शनेःशनेः  दूर भाग रहे हैं ।हम अपने तेजस्वी धार्मिक कर्तव्ययो से ।हमारे  भगवान परशुराम का नाम लेकर राजनैतिक बाजार में हमारी भावनाओं का दोहन कर रहे है ।कारण स्वयं उनमे तेजस्विता के संस्कार नहीं है।  कुछ ब्राह्मण नेता जाति के नाम को भुनाते हैं, परंतु जब जब अवसर आया ब्राह्मणों के हितों की रक्षा का तब तब उन्होंने ब्राह्मण विरोधी कार्य किए हैं। ऐसे अनेक दलाल मिल जाएंगे जो संस्कारहीन होकर भी अपने स्वार्थ के लिए ब्राह्मणों के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं।



हमें प्रण नहीं करना चाहिए कि श्रेष्ठजनों पर जो दमनचक्र चल रहा है हम उनकी रक्षा के लिए उसी तरह से आगे आएं जैसे भगवान परशुराम आए थे। परंतु सत्ता के उन दलालों से सावधान रहने की आवश्यकता है जो ब्राह्मण का मुखौटा लगाकर ब्राह्मणों से ही ठगी कर रहे हैं। स्मरण  संस्कार रखिए हममे कुछ संस्कार शेष हैं चाहे कितने  ही मिथ्या प्रचार बाण चलाएं ये संस्कारहीन राक्षसी वृत्ति के लोग। परंतु हमारा शाश्वत, निरंतर  उद्घोष भगवान परशुराम की तरह दिग दिगंत मे  उद्घोषित रहेगा ।जो प्राणी अपने स्वार्थ के लिए सब को मिटाना चाहता है कि मैं सुखी रहू ,संसार चाहे रसातल में चला जाए ,वही असुर है तथा अपने को जो कष्ट पहुंचाकर भी दूसरों का हित करता है वही देव है ।निजी स्वार्थ के लिए दूसरों का अहित करने वाला ही असुर है तथा दूसरों के लिए कष्ट सहकर भी सहायता करने वाला ही देव है ।अपने स्वार्थवस दूसरों को मारने वाला ही असुर है। अरे  ब्राह्मणों उठो जागो एक साथ चलो, एक साथ बोलो हम सबका एक मन हो, एक आवाज हो, ये वाक्य हजारों वर्ष पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने वेदों में समुद्घोष किया था। संभवत आज के कलिकाल के संरक्षक  ईर्ष्या  द्वेष कालुस , मालिनय, कट्टरवाद राजनेतिक नेताओं की उठापटक देखते हुए वेद मुनियों के माध्यम से आगामी समय के बारे में चेताया था अन्यथा ब्राह्मणों के ब्रह्मत्व,अस्तित्व एवं अस्मिता पर गहरा कुठाराघात किया जाएगा ।अतः हम सभी ब्राह्मणों को एकता सूत्र में  आबध होना होगा। अन्यथा जातिगत आरक्षण राजनेताओं की सत्तालोलुपता का जाति विद्वेष हम सभी ब्राह्मण विभूतियों में, फूट डालो राज करो की नीति अनुसरण करते हुए एक ब्राह्मण नेता को गोद बैठाना तथा एक को बहिष्कार करने का चक्रव्यूह में फंसा कर हम सभी अपनी फूट वाली राजनीति में उलझ कर  निरंतर सत्ता का उपयोग करते हुए हम सब को कमजोर करेंगे हमें एकत्रित संगठित नहीं होने देंगे ।अतः समय आ गया है कि हम सब ब्राह्मण समय की नाजुकता  को समझें और एकत्रित एवं सुसंगठित हो जाएं ।इसके लिए हमारा सार्वभौमिक, सार्वदेशिक एक मंच हो, एक नेता हो। वह जो आवाज दे हम उसके साथ एक आवाज में खड़े हो। यदि अब भी हम न चेते तो। दैवों दुरबल घातक अर्थात भाग्य दुबलों को ही मारता है ।यह उक्ति हम ब्राह्मणों पर चरितार्थ होगी ।बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि ।,अर्जितः पूजितो  विप्रो गौरिव सीदति। जिस ब्राह्मण की पूजा, प्रतिष्ठा तथा सम्मान किया जाता है, वह दुही हुई गो की तरह सूख जाता है ।हमारा  शास्त्र पुकार पुकार कर कह रहा है कि हमें हमारे समाज को कभी विचलित नहीं होना चाहिए ।



हमारा इतिहास त्याग और तपस्या का इतिहास है। हम तुछ संसासारिक कार्यों के लिए उत्पन्न नहीं हुए, अपितु अपने प्रकाश से दूसरे को प्रकाशित करते रहने के लिए हमने जन्म लिया है। दृढ़ प्रतिज्ञ होकर अपने धर्म ध्वज को फैलाते हुए अपने समाज को उन्नति के सोपान पर ले जाना है, तो सबको मिलकर अपनी आभा मंडल पर फैले भ्रम, जाल आवरण को खंडित करना होगा आज ब्राह्मण पंचायत में मुख्य बिंदु नंबर 1 फेसबुक व्हाट्सएप पर ब्राह्मणों व अन्य सामाजिक व्यक्तियों द्वारा अंदर विचार नंबर2  बिना सिर पैर की राजनीति का अखाड़ा बनाना नंबर 3 ब्राह्मणों पर होने वाले कटाक्ष नंबर 4 ब्राह्मणों में एकता देश का बढ़ना तथा आपसी सद्भाव एवं प्रेम की कमी नंबर 5 ब्राह्मणों की युवा पीढ़ी का दिशाहीन होना नंबर 6 समाज वह सरकार द्वारा ब्राह्मण की उपेक्षा व अनदेखी आदि आज पंचायत में पंच के रूप में पंडित बालकिशन शर्मा पंडित प्रमोद शर्मा पंडित आर डी शर्मा पंडित के के शर्मा पंडित नानक चंद शर्मा पंडित राकेश शर्मा पंडित अशोक भारतीय  अध्यक्षता आचार्य मनीष शर्मा मंच का संचालन वेब पंचायत का आयोजक बीके शर्मा हनुमान ने किया  ब्राह्मण पंचायत में पंडित श्री भगवान  ने सभी का आभार प्रकट किया इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति थी।


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