विधवा पुनर्विवाह के अग्रदूत थे ईश्वर चन्द्र विद्यासागर-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। रविवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महान समाज सुधारक ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की 200वीं जयंती पर ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए।कोरोना काल में परिषद का यह 95वां वेबिनार था ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि विधवा पुनर्विवाह के लिए आवाज उठाने वाले ईश्वर चंद विद्या सागर ही थे उन्हीं के प्रयत्नों से कानून बना।महर्षि दयानन्द सरस्वती के विचारों का भी उनपर गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने नारी शिक्षा के लिए अनेंको विद्यालय खोले।साथ ही निर्धनों की सहायता करना, संस्कृत में साहित्य लेखन उल्लेखनीय कार्य है।ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के प्रयासों से ही 1856 ई. में विधवा-पुनर्विवाह कानून पारित हुआ।उन्होंने अपने इकलौते पुत्र का विवाह एक विधवा से करा कर विधवा विवाह का शंखनाद किया।आज उनकी जयंती पर उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि आर्य नेत्री सुदेशवीर आर्या (उपाध्यक्षा,आर्य युवती परिषद) ने कहा कि नारी जाति के सम्मान व शिक्षा के लिए महर्षि दयानन्द से प्रेरणा लेकर अनेकों महापुरुषों ने कार्य किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षा समाजसेवी प्रेमलता सरीन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम अपने महापुरुषों के दिवस आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने सती प्रथा,बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त कर नये भारत के निर्माण में अपना जीवन अर्पित करने वाले राजा राममोहन राय की पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए दानवीरता की भावना,निर्धनों की सहायता विद्या सागर जी से सीखने का आह्वान किया।
गायिका विमला आहूजा,संध्या पाण्डेय,प्रतिभा सपरा,रविन्द्र गुप्ता,सुशांता अरोड़ा,विचित्रा वीर,नरेश प्रसाद,सुलोचना देवी,कृष्णा गाँधी,पुष्पा चुघ, सुषमा बुद्धिराजा,वीना वोहरा आदि ने गीत सुनाये।
आचार्य यशोवीर आर्य,डॉ आर के आर्य,देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री, देवेन्द्र गुप्ता,मृदुला अग्रवाल, यजवीर चौहान,काशीराम,विजया रानी शर्मा,चंद्र प्रभा सेठी आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य,
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