अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
लोनी: ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का शोधित पानी औद्योगिक इकाइयों को बेचा जाएगा। शोधित पानी का उपयोग औद्योगिक इकाइयां में पीने के अलावा अन्य कार्य में किया जाएगा। इकाइयों में भूजल का दोहन नहीं होने से भूजल स्तर सुधरेगा और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की आमदनी बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अधिशासी अभियंता जीडी शर्मा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में संचालित इकाइयों से निकलने वाले पानी का शोधित करने के लिए पांच एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) एसटीपी प्लांट स्थापित है। एसटीपी प्लांट से प्रतिदिन 2.5 एमएलडी पानी शोधित होता है। उन्होंने बताया कि शोधित पानी का उपयोग करने के लिए डाइंग फैक्ट्रियां की यूनियन टेक्सटाइल डायर एसोसिएशन के पदाधिकारियों और फैक्ट्री संचालकों से वार्ता की गई। जिसमें करीब 15 से अधिक संचालक पानी खरीदने को तैयार हो गए। पानी का उपयोग पीने के अलावा अन्य कार्यो में किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से शोधित पानी को बेचने की अनुमति मांगी गई। अधिकारियों ने पानी की जांच कर प्राधिकरण बेचने की अनुमति दे दी। उन्होंने बताया कि आला अधिकारियों को मामले से अवगत करा कर पाइप लाइन बिछाने की अनुमति मांगी गई है। अधिकारियों के निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-जलदोहन न होने से सुधरेगा भूजल स्तर
शोधित पानी मिलने पर औद्योगिक क्षेत्र में जलदोहन नहीं होगा। जल संचयन से भूजल स्तर सुधरेगा। आने वाले समय में शोधित पानी से ग्रीन बेल्ट और पार्क में लगे वृक्षों की सिचाई की जाएगी। जिससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी और प्रदूषण कम होगा।
-आमदनी का जरिया बनेगा शोधित पानी
अधिशासी अभियंता ने बताया कि एसटीपी के शोधित पानी को बेचे जाने से क्षेत्र की सीवरेज की समस्या दूर होगी और प्राधिकरण की आमदनी बढ़ेगी। प्राधिकरण द्वारा आठ रुपये प्रति किलोलीटर पानी बेचा जाना तय हुआ है। शुरूआत में पानी के टैंकर द्वारा 1.5 एमएलडी पानी बेचा जाएगा। पानी बेचने से मिलने वाली राशि से प्लांट की देखरेख और संचालन किया जाएगा।
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