Friday 25 September 2020

योग-प्राणायाम व स्वामी सत्यप्रकाश की 115वीं जयंती पर गोष्ठी संम्पन्न

रीढ़ की हड्डी का लचीलापन अच्छे स्वास्थ्य की निशानी- योगाचार्य डॉ वरुण वीर
वेदों व विज्ञान का समन्वय थे स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य



धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाज़ियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 'प्राणायाम -योग व वैदिक विद्धवान,वैज्ञानिक  स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती की 115वीं जयंती" पर ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई।कोरोना काल में परिषद का यह 94वां वेबिनार था ।
योगाचार्य डॉ वरुण वीर(आर्यन आर्ट गैलरी) ने कहा कि योग व प्राणायाम को दैनिक जीवन का अंग बनाने से शारीरिक व मानसिक क्षमता बढ़ जाती है और शरीर रोगों से मुकाबला कर सकता है।प्राणायाम के नियमित अभ्यास से मनुष्य की बहत्तर हजार नस-नाड़ियों में शुद्ध रक्त का संचार होने लगता है,जो उत्तम स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है।उन्होंने कहा कि यदि हमारे पाचन तंत्र व स्नायु तंत्र ठीक है तो हम अनेकों रोगों से दूर रहेंगे।उन्होंने कहा कि यदि रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास करना है तो रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने वाले आसनो का नियमित अभ्यास करना आवश्यक है।हमारे ऋषि मुनि पुरातन काल में योग प्राणायाम से ही दीर्घ आयु व अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखते थे।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज डॉ. सत्यप्रकाश (स्वामी  सत्यप्रकाश सरस्वती) जी की 115वीं जयंती है।चारों वेदों का अंग्रेजी में अनुवाद,और मानक हिन्दी अंग्रेजी कोश का सम्पादन उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्य हैं।संन्यास के बाद का लेखन वैदिक साहित्य आर्य समाज और स्वामी दयानन्द विषयक रहा।स्वामी सत्यप्रकाश जी वैज्ञानिक विचारक चिन्तक संन्यासी थे।वे अपने विचारों को लेखों और भाषणों के माध्यम से सरल ढंग से व्यक्त भी करते थे।उन्होंने कहा कि स्वामी जी की रेडियो वार्तायें तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख हैं जिनका संकलन और प्रकाशन अभी शेष है उसे आर्य समाज के वैदिक विद्धानों को रुचि लेकर प्रकाशित करवाने की व्यवस्था करनी चाहिए।उन्होंने इलाहाबाद व फिर आर्य समाज मंदिर मार्ग,दिल्ली में जीवन का बहुत समय व्यतीत किया।
मुख्य अतिथि ठा. विक्रम सिंह (अध्यक्ष,राष्ट्र निर्माण पार्टी) ने परिषद के समस्त अधिकारियों  को  सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं प्रदान की।
गोष्ठी अध्यक्ष आर्य केन्द्रीय सभा फरीदाबाद के प्रधान डॉ गजराज सिंह आर्य ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रिम भूमिका निभाने वाली महान महिला क्रांतिकारी मैडम भीकाजी कामा की जयंती व बंगाली महिला क्रांतिकारी प्रीतिलता वदेदार की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए स्मरण किया और देश भक्ति की भावना सीखने का आह्वान किया।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि प्राणायाम का दैनिक अभ्यास तनाव,अस्थमा और हकलाने से संबंधित विकारों से छुटकारा दिलाने में सहयोगी है।प्राणायाम के अभ्यास से स्थिर मन और दृढ़ इच्छा-शक्ति प्राप्त होती है जिससे अवसाद का उपचार भी किया जा सकता है।
योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि नियमित प्राणायाम आहार और मन के प्रतिबंधों का पालन करने और आसन में उचित प्रशिक्षण प्राप्त करने में सहायक है।
गायिका वीना वोहरा,नरेन्द्र आर्य "सुमन",उर्मिला आर्या(गुरुग्राम), संध्या पाण्डेय,प्रतिभा सपरा, अनिता आर्या,सुशांता आर्या,सुधा खेड़ा,विजय हंस आदि ने गीत सुनाये।
आचार्य महेन्द्र भाई,राजश्री यादव,यशोवीर आर्य,सुरेन्द्र शास्त्री,रविन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र गुप्ता, मृदुला अग्रवाल,सुलोचना देवी आदि उपस्थित थे।


भवदीय,
प्रवीण आर्य,


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