Friday 9 October 2020

जीवन शैली और उच्च रक्तचाप पर गोष्ठी सम्पन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
नियमित व्यायाम व पौष्टिक आहार से उच्च रक्तचाप का निदान सम्भव-डॉ सुनील रहेजा (एम एस,पंत अस्पताल, दिल्ली)
जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन आवश्यक- राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "जीवन शैली और उच्च रक्तचाप" विषय पर ऑनलाईन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 101वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता डॉ सुनील रहेजा(एम एस,पंत अस्पताल,दिल्ली) ने कहा कि रक्तचाप की रीडिंग 140/90 mmHg या अधिक दर्शाती है तो खतरे का संकेत है। 120/80mmHg से नीचे की रीडिंग को सामान्य माना जाता है।उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है,उसको उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है।व्यक्ति अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर उच्च रक्तचाप से बच सकता है।रक्तचाप की समय समय पर जाँच आवश्यक है।साथ ही योग व नियमित व्यायाम द्वारा वजन कम करके,स्वस्थ व पौष्टिक आहार,दैनिक दिनचर्या में नमक व कैफीन की मात्रा को कम करने का परामर्श दिया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि उच्च रक्तचाप या हाई बीपी की समस्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है।मुख्य रूप से हृदय रोगों,किडनी के निष्क्रिय होने जैसी अनेक समस्याओं के पीछे रक्तचाप का अधिक होना ही प्रमुख कारण है।कई रोगियों को अधिक रक्तचाप का पता ही नहीं चलता।योग,प्राणायाम,व्यायाम व जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन कर रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास कर इस प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है। 
कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेश खन्ना (चार्टर्ड अकाउंटेंट) ने 88वें भारतीय वायुसेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमे भारतीय सेना पर गर्व है।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आज के भागदौड़ भरी जीवन शैली में फास्ट फूड और शारीरिक परिश्रम की कमी अनेक रोगों का कारण है।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि प्रतिदिन 15 मिनट नाड़ीशोधन प्राणायाम सहज गति से व मंडूकासन,शशांकासन करना उच्च रक्तचाप में लाभदायक है।
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया।
गायिका उर्मिला आर्या,दीप्ति सपरा,मधु खेड़ा,वीना वोहरा, प्रतिभा सपरा, ईश्वर आर्या,सविता आर्या,कमलेश चांदना,द्रोपदी तनेजा आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, के के यादव,आनंदप्रकाश आर्य, प्रकाशवीर शास्त्री,देवेन्द्र गुप्ता, देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री,ओम सपरा,महेन्द्र नागपाल,विजय हंस, संतोष शास्त्री आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य,


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