Tuesday 6 October 2020

कोरोना काल में 100 वां वेबिनार सफलतापूर्वक सम्पन्न


समीक्षा न्यूज धनसिंह
आर्य समाज को पुनः समाज निर्माण में भूमिका निभानी होगी -रजनीश गोयनका (प्रधान,सनातन धर्म सभा)
सदैव राष्ट्र व समाज कल्याण में परिषद कृत्संकल्प है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। मंगलवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में कोरोना काल में "100वें वेबिनार" के उपलक्ष्य में ऑनलाईन गूगल मीट पर आर्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की परिषद अपने उदघोष "जहाँ नहीं होता कभी विश्राम, आर्य युवक परिषद है उसका नाम" को सार्थक करते हुए इस कोरोना महामारी में जहाँ लोग निराश व अकेलापन से हताश हो रहे थे परिषद ने ऑनलाइन वेबिनारों के माध्यम से सभी मे नई ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया है।महापुरुषों की जयंती हो या कोई भी सामाजिक विषय सभी पर परिषद ने गोष्ठी का आयोजन कर आर्य समाज का पक्ष रखा है और निरंतर इसी प्रकार जनकल्याण व समाज सुधार के  कार्यों को करती रहेगी।इसके लिए परिषद सदैव राष्ट्र व समाज कल्याण में कृत्संकल्प है।
मुख्य अतिथि रजनीश गोयनका(प्रधान,सनातन धर्म सभा) ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता ढूंढ कर जो समाज का कल्याण करने का कार्य करे वही सच्चे अर्थों में आर्य हैं।परिषद ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी आर्य संस्कृति की ज्योति जला कर लोगों को उत्साहित करने का कार्य किया वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज देश व समाज को आर्य समाज की पहले से कहीं आवश्यकता है पुनः सक्रिय भूमिका निभा कर कुरूतियों,सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध संघर्ष करना है।
वैदिक विद्धवान आचार्य अखिलेश्वर जी(आनन्द धाम आश्रम,हरिद्वार) ने वेदों के मार्ग पर चलने का आह्वान किया कि अपना जीवन यज्ञ मय बनाये जिससे खुशबू आये।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा परिषद ने पिछले 100 वेबिनार में सामाजिक,बौद्धिक, शारीरिक,आत्मिक,आध्यात्मिक सभी विषयों पर श्रेष्ठ वक्ताओं व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा सभी को ज्ञान से ओतप्रोत करने का सराहनीय कार्य किया।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य के मार्गदर्शन में  6 महीनों के निरंतर प्रयास व सभी के सहयोग से ये 100 वेबिनार का आयोजन सम्भव हो सका है।आर्य नेत्री उर्मिला आर्या,डॉ सुषमा आर्या, रचना चावला,ओम सपरा,बिंदु मदान,आचार्य महेन्द्र भाई,ईश आर्य ने भी विचार रखे।
सुन्दर गायन से अंकित शास्त्री (गुरुग्राम),पुष्पा चुघ,किरण सहगल,संगीता आर्य गीत,दीप्ति सपरा,संध्या पांडेय,रविन्द्र गुप्ता, कमलेश हसीजा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रमुख रूप से रामकुमार सिंह, संतोष शास्त्री,आनंदप्रकाश आर्य, प्रकाशवीर शास्त्री,यज्ञवीर चौहान, देवेन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र भगत,राजेश महदीरता,अंजु बजाज,सुरेन्द्र शास्त्री,वीना वोहरा,सुषमा बुद्धिराजा,प्रतिभा सपरा,प्रोमिला गुप्ता आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य


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