Friday 2 October 2020

महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर गोष्ठी सम्पन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
अहिंसा,त्याग व समर्पण के अग्रदूत थे महात्मा गांधी -सतीश उपाध्याय(पूर्व प्रदेश अध्यक्ष,भा.ज.पा दिल्ली)
सादगी,ईमानदारी व आत्म निर्भरता का पर्याय थे लाल बहादुर शास्त्री-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "महात्मा गांधी की 151वीं व लाल बहादुर शास्त्री की 116 वीं जयंती पर गोष्टी का आयोजन ऑनलाईन गूगल मीट पर किया गया।यह कोरोना काल परिषद का 98 वां वेबिनार था।
मुख्य अतिथि दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि गांधीजी ने प्रेम और भाईचारे की भावना से भारत की जनता के हृदय पर राज किया।वह अहिंसा,त्याग व समर्पण के अग्रदूत थे और वे देश में रामराज्य स्थापित करना चाहते थे।एक भविष्यदृष्टा,युगदृष्टा हमारे बीच से चला गया।आज गांधी जी हमारे बीच नहीं हैं,किंतु उनके आदर्श सिद्धांत हमें सदैव याद रहेंगे।उनका नाम सदा अमर रहेगा।स्वदेशी व आत्मनिर्भर भारत का उदघोष उन्होंने राष्ट्र को दिया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि  देश के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी की आज 116 वीं जयंती है।लाल बहादुर शास्त्री की सादगी अपने आप मे एक उदाहरण है और इसी सादगी और देशभक्ति के बल पर वह देश के प्रधानमंत्री बने।ईमानदारी और स्वाभिमानी छवि के चलते आज भी उन्हें बहुत सम्मान के साथ याद किया जाता है।देश की सीमा के रक्षक जवान व देश के अंदर अन्नदाता के लिए "जय जवान जय किसान" का नारा आज भी देश के प्रत्येक नागरिक को प्रेरित करता है।उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से सोये हुए भारत में उत्साह का संचार कर दिया था।
दिल्ली संस्कृत अकादमी के पूर्व सचिव डॉ धर्मेंद्र शास्त्री ने कहा कि  देश के प्रत्येक नागरिक को उनके व्यक्तित्व का अनुसरण करना चाहिए।शास्त्री जी की पहचान उनकी ईमानदारी है। शास्त्रीजी ने देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि शास्त्रीजी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए और महात्मा गांधी को "महात्मा" की उपाधि स्वामी श्रद्धा नंद जी ने प्रदान की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने बताया कि महात्मा गांधी का कहना था कि सच्चा इंसान वह है, जो प्रेम,अहिंसा,नम्रता,पवित्र व करुणा की भावना से जीवन जीता हो।ये गुण हम सभी को अपनी जिंदगी में ढालने चाहिए।आज उनकी जयंती पर सभी उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने युवाओं को लाल बहादुर शास्त्री व महात्मा गांधी द्वारा बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
गायक नताशा बजाज (बंगलोर), नरेन्द्र आर्य सुमन,नरेश खन्ना, सतीश सत्यम,सुषमा बुद्धिराजा, विमला आहूजा,नरेश प्रसाद, संध्या पांडेय,विचित्रा वीर,विजय कटारिया,राजेश वधवा,सार्थक, ईश्वर आर्या,मधु खेड़ा आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, धर्मपाल आर्य,दिनेश सिंह आर्य, आनंदप्रकाश आर्य,प्रकाशवीर शास्त्री,आस्था आर्या,वीना वोहरा, दर्शना मेहता,यज्ञवीर चौहान, देवेन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री,मनोज मान,विजय पाहुजा,राजेश मेहंदीरत्ता आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य


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