Saturday 17 October 2020

तो मेरी ये कविता है कुछ अटपटी साहब

 

 

म्हारे देश की प्रमुख ये समस्याये

अनचाहें बाल ये कैसे कहां हटाये

 

हाय राम दुःखवा अपना कैसे कहूँ

तो मिलने को बंगाली बाबा से आये

 

पत्नी से परेशान सौतन से छुटकारा

दुश्मन पे मनचाहा वंशीकर्ण करवाये

 

दुःखी बहन बेटियो को विशेष सूचना

बहु से तंग,सास को भी सबक सिखाये

 

गुप्त रोग महामारी इस देश की है यारों

बेरोजगारी देश की चाहें भाड़ में जाये

 

कल्लू मियाँ बाबा बंगाली पे समाधन है

सूफ़ी सन्त साई कृप्या से जगत में छाये

 

दो अगरबत्ती पैकिट चार निम्बू लौंग को

रुपये मात्र गयारह सौ सँग को अपने लाये

 

अगर पाक चीन पर मारन करवाना हो तो

मोदी जी सुनो कवि के दरबार मे फरमाए

 

कविताओ में ही चरण चट्टू बनवा देंगे हम

बस बिकाऊ मीडिया की हमसे तो दूर हटाये

 


अशोक सपड़ा हमदर्द दिल्ली से

9968237538

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