महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले की 130 वीं पुण्य तिथि पर गोष्ठी सम्पन्न



धन​सिंह—समीक्षा न्यूज

महिलाओं व दलितों के लिये महात्मा फुले का सराहनीय योगदान-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध समाज सुधारक "महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले की 130 वीं पुण्य तिथि" पर ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई।यह परिषद का कोरोना काल में 126वां वेबिनार था।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महात्मा ज्योतीराव गोविंदराव फुले की 130 वीं पुण्य तिथि पर उनके समाज 

उत्थान के कार्यों को स्मरण करने का दिन है कि किस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में भी समाज निर्माण का कार्य किया।वे एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक,विचारक, समाजसेवी,लेखक,दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे।इन्हें महात्मा फुले एवं ''ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समर्थक थे।वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।उन्‍होंने विधवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत काम किया,इसके साथ ही किसानों की हालत सुधारने और उनके कल्याण के लिए भी काफी प्रयास किये।उन्होंने  बालिकाओं की शिक्षा के लिए कई विद्यालय भी खोले।आज उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है ।

कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेत्री उषा मलिक ने कहा कि आज भी महिलाओं में शिक्षा की कमी दिखाई देती है इस कार्य को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा राव फुले ने 1848 में एक स्कूल खोला।यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था।लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन स्वयं यह काम करके अपनी पत्नी सावित्रीबा फुले को इस योग्य बना दिया।

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि दलित वर्ग में  शिक्षा के प्रचार प्रसार की आवश्यकता है जिससे वह हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

आर्य नेत्री उर्मिला आर्या,राजश्री यादव,शोभा सेतिया ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। 

गायिका संगीता आर्या,दीप्ति सपरा,संध्या पाण्डेय,रविन्द्र गुप्ता, रजनी गोयल,प्रतिभा सपरा, सुलोचना देवी,सुनीता बुग्गा,बिन्दु मदान, जनक अरोड़ा,आशा आर्या,वीरेन्द्र आहूजा,पुष्पा चुघ,उर्मिला आर्या,प्रतिभा कटारिया,अशोक गोगलानी आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रुप से आनन्द प्रकाश आर्य, स्वतंत्र कुकरेजा,अनिल सेठी, आनन्द सूरी,विजेन्द्र गर्ग,डॉ रचना चावला,देवेन्द्र गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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