551वें प्रकाश पर्व पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

श्री गुरुनानक देव जी की शिक्षाएं मानवमात्र के लिए है- आचार्य अखिलेश्वर जी,हरिद्वार

सेवा,समर्पण,त्याग और बलिदान का संदेश देता है प्रकाश पर्व-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में श्री गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई।

आचार्य अखिलेश्वर जी महाराज(आनन्द धाम हरिद्वार) ने बताया कि गुरु पर्व का सिख धर्म में बहुत ही महत्व है।हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।गुरु पूर्णिमा को हर्षोल्लास के साथ महापर्व के रूप में मनाया जाता है।कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्म में श्रद्धा रखने वाले लोग सच्चे मन से मत्था टेकने गुरुद्वारे पहुंचते हैं और गुरु नानक देव जी को नमन करते हैं उनकी शिक्षाएं सारे समाज को जोड़ती है हमें भी सामाजिक समरसता के लिये कार्य करना चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि प्रकाश पर्व समाज को जोड़ने का संदेश देता है,सेवा व समर्पण की भावना सर्वोपरि है। अन्याय के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा देता है यह वीरता का पर्याय है।कोरोना काल में भी सिख बंधुओं ने सराहनीय सेवा की है। महर्षि दयानन्द और गुरु नानक देव जी दोनों एक ओंकार यानी कि ईश्वर को निराकार रूप में मानते थे।

न्यूजीलैंड से हरीश सचदेवा ने कहा कि गुरु नानक देव अद्भुत समाज सुधारक,सिख पंथ के संस्थापक,भारत की समृद्ध संत परंपरा के अद्वितीय प्रतीक हैं।उन्होंने इक ओंकार की व्याख्या करते हुए कहा कि ईश्वर एक है उसके नाम अनेक हो सकते है लेकिन वो निराकार है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सरदार हरभजन सिंह देओल ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सभी को 3 सुनहरे नियमों का उपदेश दिया।नाम जपो- भगवान को याद करो और ध्यान करो।कीर्तन करो- ईमानदारी से जीवनयापन करो, अपना कर्तव्य निभाओ।वंड छको-जो आपके पास है,उसे दूसरों को परोसें।आज उसे याद करें और अपने जीवन में इसका पालन करें।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि गुरु नानक देव की शिक्षाएं हमें प्राणी मात्र के प्रति प्रेम,सेवा भाव एवं सद्भावना रखने हेतु प्रेरित करती हैं।

कार्यक्रम का कुशल संचालन आर्य समाज अशोक विहार फेस- 1 के प्रधान प्रेमकुमार सचदेवा ने किया व जीवनलाल आर्य व  विक्रान्त चौधरी ने सभी का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।

गायिका दीप्ति सपरा,विजय हंस, प्रतिभा सपरा,जनक अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता,सुदेश आर्या,कविता आर्या,मधु खेड़ा आदि ने भजनों के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्य रुप से आचार्य महेन्द्र भाई, राजश्री यादव,विचित्रा वीर,बिन्दु मदान,रजनी गोयल,सौरभ गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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