जान लेती है

 बीबियां जान जान कहकर के सब कुछ जान लेती है

जब सब कुछ जान लेती है फ़िर बस वो जान लेती है

कल करो शादी आज तलाक़ लेकर के अपना यारों
कर खर्चा दस रुपये अपने लाखो का सामान लेती है

आज एक छोड़ा तो क्या कल दूजा पकड़ा लेंगी यह
बीबियां धारा 498 ए का बाखूबी से संघान लेती है

जब होती है बेटी बाप के घर तो समझ लो तुम सब
पापा की परियां कहला कर पापा से पहचान लेती है

जब बन जाती है लाड़ली किसी के घर की बहुरानी
क़सम से समझलो उस दिन से ये बस प्राण लेती ह

ये तेरा है ये मेरे मां बाप कह घर तोड़ने को माहिर
मायके के कहे चलकर जाने कितनी जान लेती है

लगाती अक्सर फ़िर वो दूजो के कहने पर आरोप
 कभी जान बनकर के अब सिर्फ़ वो जान लेती है

अशोक सपड़ा हमदर्द
9968237538


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