समग्र क्रांति के अग्रदूत थे महर्षि दयानंद: राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य


धनसिंह—समीक्षा न्यूज—     
महर्षि दयानंद के नाम गीत संगीत सम्पन्न
गाज़ियाबाद। सोमवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महर्षि दयानन्द सरस्वती के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में  "भव्य गीत संगीत" का ऑनलाइन ज़ूम व फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण किया गया। यह परिषद का कोरोना काल में 120 वां वेबिनार था।
युवा गायक अंकित उपाध्याय ने महर्षि दयानन्द सरस्वती को स्मरण करते हुए कहा कि वेद ज्ञान की टूटी हुई धारा को उन्होंने फिर से जोड़ा,देव दयानन्द ने जो आंदोलन चलाया उसके हम सभी अनुयायी है इस बात का हम सभी को गर्व होना चाहिए।उन्होंने "मेरे देवता के बराबर जहाँ में कोई देवता न कहीं और होगा", अगर स्वामी दयानन्द न होता,वन्दे मातरम गाना होगा,जोत से जोत जलाते चलो जैसे गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि ईश्वर की वाणी वेद के माध्यम से मनुष्य अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है।वेद मंत्रों के रहस्यों और इसमें छिपा विज्ञान पूरी मानव जाति के हितों में प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि  महर्षि दयानंद आज भी हमारे सच्चे गुरु बन कर हमारा मार्गप्रशस्त कर रहे हैं। उनके द्वारा रचित अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर अपने विचारों को शुद्ध कर सकते है। महर्षि दयानंद महान क्रांतिकारी थे,उन्होंने समाज के हर क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया।पाखण्ड अंधविश्वास,रूढ़िवाद,नारी शिक्षा, स्वतंत्रता आंदोलन हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वह समग्र क्रांति के अग्रदूत थे आज भी उनकी शिक्षाएं प्रासंगिक हैं ।
कार्यक्रम अध्यक्ष आर्य नेता ओमप्रकाश गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए महर्षि दयानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वैदिक संस्कृति के माध्यम से हीं घर,परिवार,समाज व राष्ट्र की उन्नति हो सकती है।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि महर्षि दयानन्द के द्वारा बताए गए कल्याण मार्ग पर हम सभी को चलने का प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर सभी ने अपने अपने घरों से ऑनलाइन दीप प्रज्वलित कर "जोत से जोत जलाते चलो" गीत पर महर्षि दयानन्द सरस्वती को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सुप्रसिद्ध गायिका संगीता आर्या, पुष्पा चुघ,सुदेश आर्या,दीप्ति सपरा,नरेश खन्ना,बिन्दु मदान, रविन्द्र गुप्ता,किरण सहगल, विमला आहूजा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से नरेन्द्र आहूजा विवेक,अजय गर्ग,धर्मपाल आर्य,सुरेन्द्र शास्त्री,प्रेम सचदेवा, ईश आर्य,अमरनाथ बत्रा,सुनीता महाजन,नरेंद्र आर्य सुमन आदि उपस्थित थे।


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