पंडित मदनमोहन मालवीय व अटल जी की जयंती पर गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

हिन्दी को मालवीय जी ने विश्व पटल पर स्थापित किया-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

अटल जी कवि से सफल राजनेता बने -प्रवीण आर्य

गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महामना पंडित मदनमोहन मालवीय व पूर्वप्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती पर ऑनलाइन  गोष्ठी का आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि हिंदी को विश्व पटल पर स्थापित करने का कार्य मालवीय जी ने किया व कई समाचार पत्रों का कुशल संचालन कर हिंदी को आम आदमी तक पहुँचाया ।  उनका मानना था कि हिंदी ही एक दिन राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकार होगी।उन्होंने कहा था कि जब आर्य समाज दौड़ता है तो हिन्दू समाज चलता है,और जब आर्य समाज चलता है तो हिन्दू समाज रेंगना शुरू करता है। उन्होंने आर्य समाज को हिंदू समाज का रक्षक व चौकीदार बताया।राष्ट्र वादी विचारों से ओतप्रोत युवक तैयार हो इसलिए उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।वह कांग्रेस के गर्म दल व नरम दल में सेतु का कार्य करते रहे और उन्हें महामना की उपाधि से सम्मानित किया गया।  

हरियाणा राज्य ओषधि नियन्त्रक नरेंद्र आहूजा विवेक ने कहा कि भारतीय राजनीतिक विचारों के इतिहास में मालवीय जी का मुख्य योगदान उनका व्यापक राष्ट्रवाद का सिद्धांत है।वे संस्कृति को राष्ट्रवाद का आधार मानते हैं।उनका कहना था कि हम मानते हैं कि धर्म चरित्र का आधार है और मानव सुख का सबसे बड़ा स्रोत है।हमारा मानना ​​है कि देशभक्ति एक शक्तिशाली उत्थानकारी प्रभाव है जो पुरुषों को उच्च विचारधारा वाली निष्काम कर्म की प्रेरणा देता है।देश की युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा की महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक समानता के समर्थक भारत के पूर्वप्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत को सभी राष्ट्रों के बीच एक दूरदर्शी,विकसित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे।उन्हें भारत के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण और पचास से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया।पक्ष विपक्ष दोंनो ही उनके मुरीद थे।ऐसे महान व्यक्तित्व की कमी सदैव रहेगी।आज के नेताओं को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयत्न करना चाहिए जिससे देश उन्नति कर सके।

योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि अपने नाम के ही समान,अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता,प्रखर राजनीतिज्ञ,नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता,सशक्त वक्ता,कवि, साहित्यकार,पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे। उनके कार्य राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को दिखाते हैं।

गायिका सुदेशवीर आर्या,बिन्दु मदान,काशीराम आर्य,मृदुला अग्रवाल,राजश्री यादव,अंजू आहूजा,रविन्द्र गुप्ता,किरन सहगल ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आचार्य महेन्द्र भाई,स्वतंत्र कुकरेजा,आनन्द प्रकाश आर्य,यशोवीर आर्य,धर्मपाल आर्य,दुर्गेश आर्य,देवेन्द्र भगत, रामकुमार आर्य,अरुण आर्य, व्यायामाचार्य सूर्यदेव,कमलेश हसीजा,सुरेश आर्य,अशोक जांगड़ आदि उपस्थित रहे।

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