धनसिंह—समीक्षा न्यूज
संस्कृत और संस्कृति भारतीयता की आत्मा है -प्रेमा हंस(ऑस्ट्रेलिया)
महर्षि दयानंद ने नारी को समान अधिकार दिलाये -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के 43 वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में "त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय आर्य महावेबिनार का आयोजन ज़ूम पर ऑनलाइन किया गया।यह परिषद का कोरोना काल में 159 वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान आचार्य अखिलेश्वर जी (हरिद्वार) ने यज्ञ के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद से पूर्व भक्ति के नाम पर अनेक आडम्बर हुआ करते थे किंतु स्वामी दयानंद ने भक्ति के सत्य मार्ग को यज्ञ के रूप में संसार के लिए प्रशस्त किया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने नारी को पुरुष के समान अधिकार दिलवाया।स्त्री जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वार खोल दिए।आर्य समाज ने बाल विवाह,सती प्रथा जैसी कुरीतियां बंद करवाई।विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार प्रदान कर आर्य समाज ने नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मुख्य वक्ता वैदिक विदुषी प्रो.आयुषी राणा(मेरठ) ने कहा कि आज समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं अग्रणी है और देश ही नही विदेशों में भी भारत का नाम ऊंचा कर रही हैं।माता निर्माता होती है वो चाहे तो किसी को राम तो किसी को रावण भी बना सकती है इसलिए महिलाओं को शिक्षित करना वर्तमान परिस्थितियों में अनिवार्य है जिससे वे आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित कर सकती है।
विशिष्ट अतिथि प्रो.आर्यवर्ती बुलॉके (डी ए वी कॉलेज, मॉरिशस) ने भारत व विदेशों में महिलाओं के वर्तमान नेतृत्व का वर्णन किया और कहा कि स्वामी दयानंद और आर्य समाज की शिक्षाओं के कारण ही आज महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त है।
आर्य महिला सम्मेलन की मुख्य अतिथि के रूप में सार्वदेशिक आर्य वीरांगना दल की संचालिका मृदुला चौहान ने कहा कि ऋषि देव दयानन्द ने महिलाओं के उत्थान में जो भूमिका निभाई इसके लिए उन्हें युगों युगों तक याद रखा जाएगा।
अध्यक्षता करते हुए ऑस्ट्रेलिया से प्रेमा हंस ने कहा कि संस्कृत और संस्कृति भारतीयता की आत्मा है।संस्कृत समस्त भाषाओं की जननी है।विदेशों से ज्यादा भारत मे ही बच्चो में संस्कारों का निर्माण हो सकता है,हम विदेशों में रहकर भी अपनी भारतीय संस्कृति का परचम फहरा रहे हैं।
न्यूजीलैंड से उर्मिला सचदेवा ने भी वर्तमान संदर्भ में नारी की भूमिका पर विचार रखे।आर्य युवती परिषद की अध्यक्षा उर्मिला आर्या ने कुशल संचालन किया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य, आचार्य महेंद्र भाई,डॉ सुषमा आर्या,कमलेश हसीजा,सौरभ गुप्ता ने भी मार्गदर्शन दिया।
आचार्य संजीव रूप (बदायूं) ने संगीतमय वेदकथा द्वारा सभी को वेद की ज्ञान गंगा से भावविभोर कर दिया।
गायिका संगीता आर्या 'गीत',पुष्पा चुघ,प्रतिभा कटारिया,विजय हंस, वीना वोहरा,बिन्दु मदान आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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