धनसिंह—समीक्षा न्यूज
हिन्दी,हिन्दू,हिंदुस्तान की अवधारणा को सावरकर ने जन्म दिया-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद ने महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की 55 वीं पुण्यतिथि पर गोष्ठी का ऑनलाइन जूम पर आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके कार्यों,उपलब्धियों पर चर्चा की।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि "हिन्दू राष्ट्रवाद" की अवधारणा को वीर सावरकर ने जन्म दिया साथ ही हिन्दी, हिन्दू,हिंदुस्तान का उदघोष भी उन्हीं की देन रही।वह हिन्दू राष्ट्र निर्माण के प्रबल समर्थक रहे, विश्व के इतिहास में वह पहले व्यक्ति थे जिन्हें 24 फरवरी 1910 व 31 जनवरी 1911 को दो बार आजीवन कारावास की सजा दी गई।विश्व इतिहास में पहले व्यक्ति थे जिनकी पुस्तक "1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम" पुस्तक को छपने से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया।उन्होंने लंदन से ही क्रांति की शुरुआत की व स्वदेशी आंदोलन शुरू कर विदेशी कपड़ो की होली जलाई।उनका मुकदमा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग में चला।उन्होंने ही पूर्ण स्वतंत्रता की मांग जोर शोर से उठायी उनसे ब्रिटिश सरकार काँपती थी।आज की युवा पीढ़ी को उनका जीवन चरित्र पढ़ने व बतलाने की आवश्यकता है जिससे वह स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को जान सके कि आजादी केवल चरखे तकली से नहीं आयी अपितु हजारों नोजवानो ने अपना जीवन देश के लिए होम कर दिया।
प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि सावरकर ने "मित्र मेलों" के नाम से युवाओं को संगठित किया फिर अभिनव भारत संगठन की स्थापना की।वह भारत को पुण्य भूमि मानते थे।वह एक वकील,कवि लेखक, राजनीतिज्ञ,नाटककार भी थे उन्होंने तत्कालीन कुरूतियों पर भी प्रहार किया।उनकी मृत्यु 26 फरवरी 1966 को मुंबई में हुई थी।
प्रमुख रूप से आचार्य महेंद्र भाई, डॉ आर के आर्य,आंनद प्रकाश आर्य,सौरभ गुप्ता,वेदप्रकाश आर्य,प्रतिभा कटारिया,नीलम आर्या,के के यादव,प्रवीना ठक्कर आदि उपस्थित थे।
Comments
Post a Comment