संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद को लेकर 26 तारीख को की गई रणनीति तैयार प्रदेश अध्यक्ष पं.सचिन शर्मा
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजीपुर। बॉर्डर भारतीय किसान यूनियन अंबावता के कैंप कार्यालय पर एक मीटिंग का आयोजन किया जिसमें 26 मार्च को भारत बंद करने को लेकर एक रणनीति तैयार की गई
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषि पाल अंबावता जी ने कहां शहीद किसान मोर्चा ने 26 मार्च 2021 को भारत बंद करने का आह्वान किया है दिल्ली के बॉर्डर पर किसान संघर्ष को 4 महीने पूरे हो गए हैं इसलिए 26 मार्च को अपनी दुकानें बसे ट्रक टैक्सी ऑटो आदि सभी कुछ बंद करके इन जन आंदोलन में अपना योगदान करें
इस मौके पर (प्रदेश अध्यक्ष) पं.सचिन शर्मा ने सरकार द्वारा लागू 3 किसान कानूनों के विषय में बताया और उन्हें जानकारी दी कि यह कानून किसान कानून नहीं बल्कि केवल व्यापारी कानून बनाए गए हैं इन कानूनों से केवल व्यापारियों का ही हित देखा गया है।
आगे उन्होंने कहा पिछले 26 दिसंबर से लगातार लगभग साढे 3 महीने से जिस तरीके से किसान अपनी खेती बाड़ी छोड़कर दिल्ली बॉर्डर पर भाकियु अ व संयुक्त किसान मोर्चा के साथ अपना आंदोलन कर रहे हैं और भीषण सर्दी बारिश और गर्मी के बीच खुले आसमान के नीचे रात दिन एकजुटता के साथ अपनी मांगों के लिए बैठे हुए हैं फिर भी यह निरंकुश सरकार किसानों की इस दशा पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। पिछले नौ दौर की बातचीत के बावजूद सरकार ने कोई हल नहीं निकाला क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि किसानों की मांगों को पूरा किया जाए ।
सरकार आज केवल व्यापारियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है और वह केवल उन्हीं कानूनों को बना रही है जिन कानूनों से अडानी अंबानी का हित
साधा जा सके।
गांव धनावली में आए हुए क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के सम्मुख सचिन शर्मा व अन्य किसान नेताओं ने आवाहन किया की आज देश के सभी किसान यदि संगठित होकर अपने आंदोलन में सहयोग देंगे तो यह सरकार अवश्य ही हमारी मांगों को पूरा करेगी कल सुप्रीम कोर्ट ने भी किसान आंदोलनों को सही ठहराते हुए कानूनों पर अंतरिम रोक लगा दी है किंतु सभी किसान संगठन तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे जब तक तीनों कानूनों को पूरी तरीके से वापस नहीं लिया जाता।
सरकार के द्वारा एक लोकतांत्रिक देश में संविधानिक अधिकार से किसानों को वंचित किया जा रहा है। लोकतंत्र में किसी को भी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखने का अधिकार है
अच्छा होता कि सरकार कृषि विशेषज्ञों के द्वारा तीनों कानूनों के जमीनी स्तर पर असर की समीक्षा करवाती और विशेषज्ञों के द्वारा अनुशंसा के आधार पर किसान नेताओं के साथ विचार विमर्श करके जरुरी संशोधन करती।
जब तक सरकार किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों में जरूरी संशोधन नहीं करवाती पूरे देश के किसान अपना आंदोलन वापस नहीं
जैसा कि सर्व विदित है आज किसानों की हालात पूरे देश में बदतर है खून पसीने की मेहनत के बावजूद किसान अपने परिवार के लिए आवश्यक जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहा है। देश के किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है ऐसे वक्त में सभी किसान संगठनों को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अपनी जायज आवाज को बुलंद करना चाहिए। इसी परिप्रेक्ष्य में हमारा संगठन हरियाणा और पंजाब से आए हुए किसानों का और पूरे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को राजनीति छोड़ कर एक टेबल पर आने का आवाहन करता है।
मुख्य रूप से चौधरी प्रवीण अंबावता (प्रदेश अध्यक्ष)पं.सचिन शर्मा राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण शर्मा नीटू गाजियाबाद बुलंदशहर जिला अध्यक्ष बिन्नू अधाना (जिला अध्यक्ष) अमित कसाना मास्टर राजकुमार गौड़, कैप्टन बच्चन सिंह, सिरोही बल्लू, पहलवान चौधरी, ब्रह्मपाल सिंह, जगवीर सिंह, किशन पाल गुज्जर, सचिन सिंह, मोहित सिंह, श्यामवीर सिंह, सोहनवीर सिंह, ऋषिब सिंह, श्याम सिंह, योगेश हसनपुरिया, सरदार गुरु चरण सिंह, सरदार महेंद्र सिंह सरदार अनमोल सिंह, अनिकेत सिंह
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