धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। विधान परिषद की समिति के सभापति एमएलसी राकेश यादव हमेशा से जनमुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं। जनसरोकारों से जुड़कर चलते हैं और उनकी खूबी है कि वह अनावश्यक सरकार को नहीं घेरते, लेकिन आवश्यक मुद्दे पर पूरी तरह से मुखर होकर सामने आते हैं। कोरोना महामारी काल में चिकित्सा व्यवस्था की हालत और उपचार के लिए इधर से उधर भटक रहे लोगों की हालत पर एमएलसी राकेश यादव ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में पूरी तरह से हालात बिगड़ चुके हैं। सरकार अपने नागरिकों को बुनियादी चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध नहीं करा पा रही। सरकार के नेता बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन हकीकत में कोई काम नहीं हो रहा है। इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि लोग आॅक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं। आत्मनिर्भर का नारा देने वाली सरकार आॅक्सीजन के लिए भी दूसरे देशों का मुंह देख रही है। वो भूटान जैसे देश से मदद मांग रही है। लोग मर रहे हैं और सरकार पूरी तरह से लाचार दिखाई दे रही है। सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है। देश में सांस लेने के लिए आॅक्सीजन नहीं थी और सरकार टीका उत्सव का जश्न मना रही थी। कोरोना की लहर के कहर से जनता को बचाने के बजाए सरकार का पूरा ध्यान चुनाव कराने पर था। दिल्ली-एनसीआर इलाके में चिकित्सा आपातकाल आ गया और देश के प्रधानमंत्री बंगाल में बिजी हैं। इतने दुख की बात है कि सरकार जिंदा रहते हुए लोगों को उपचार नहीं उपलब्ध करा पाई और इलाज के अभाव में मारे गए लोगों के लिए अंतिम संस्कार की जगह भी ये सरकार नहीं उपलब्ध करा पाई। शिक्षा के क्षेत्र में पहले से ही पिछड़ चुके हैं और चिकित्सा के क्षेत्र में सरकार का नाकारापन सबको दिखाई दे रहा है। जिला पंचायत वाले चुनाव टाले भी जा सकते थे, लेकिन सरकार को लोगों के प्राणों की कीमत से ज्यादा चुनाव की फिक्र थी। एमएलसी राकेश यादव ने कहा कि हमारी पूरी संवेदनाएं इस महामारी में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति है। हम शोकाकुल परिवारों के साथ हैं और इस हालात के लिए दोषी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग करते हैं।
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