धनसिंह—समीक्षा न्यूज
प्रसन्न जीवन जीने की कला है योग-आचार्य विजय
अनुशासित जीवन के लिये योग की आज महत्ती आवश्यकता- उर्वशी मक्कड़
गाजियाबाद। अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान एवं आई एम एस लाल कुआं गाजियाबाद के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को ऑनलाइन मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ योग शिक्षक श्री अशोक मित्तल ने ओम की ध्वनि व गायत्री मंत्र से किया।
कु.दीया और कु.दिशा ने सरस्वती वंदना एवं प्रवीण आर्य ने 'हंसते मुस्कुराते हुए जिंदगी गुजारिए' गीत से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्थान के अध्यक्ष श्री केके अरोड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि संस्थान पिछले 36 वर्षों से समाज की सेवा कर रहा है मानव उत्थान के मद्देनजर हमारा यह संकल्प विभिन्न स्कूलों में इस कार्यक्रम को चलाए हुए हैं।योग समग्र जीवन आनंदित जीने की कला है।यह एक ऐसा विज्ञान है जो मानव स्वास्थ्य की उन्नति करता है तथा मानव जिस उद्देश्य से संसार में आया है उस और भी प्रेरित करता है।
विश्व विख्यात योगाचार्य श्री विजय जी महाराज आध्यात्मिक गुरु,प्रेरक प्रवक्ता,योग ध्यान विशेषज्ञ,श्रीहनुमान धाम,रामनगर के संस्थापक ने योग की महत्ता एवं आवश्यकता पर अपना संबोधन देते हुए कहा कि योग केवल शरीर को साधने की कला नहीं है,शरीर को कितना भी साध लो जब तक विचारात्मक भावनात्मक परिवर्तन नहीं होगा, काम नहीं चलेगा,योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने पर बल दिया।जीवन में पतंजलि-ऋषि द्वारा प्रतिपादितअष्टांग योग १)यम,२)नियम,३)आसन,४) प्राणायाम ५) प्रत्याहार,६) धारणा,७)ध्यान,८) समाधि को अपनाये तो परिवार और समाज सुखी हो जाये, प्रसन्न जीवन जीने की कला है योग।आचार्य जी ने साधकों को ध्यान मुद्रा मे बैठाकर शांत मन से ईश्वर का ध्यान करने के लिए कहा जिससे सभी को परम शांति का अनुभव हुआ।तत्पश्चात उन्होंने आसनों के अभ्यास के विषय मे चर्चा की तथा कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण क्रियाओं का प्रदर्शन किया।कोविड-19 की भयंकर बीमारी से बचाव में योग की भूमिका पर भी चर्चा की।
आईएमएस की निदेशिका डॉ उर्वशी मक्कड़ ने संयुक्त कार्यक्रम के सफल आयोजन पर योग संस्थान के अधिकारियों को धन्यवाद दिया उन्होंने बताया कि संस्थान आई एम एस के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री नितिन अग्रवाल जी के मार्गदर्शन में इस प्रकार के संयुक्त कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन करता रहेगा।उन्होंने आगे कहा कि योग हमारे मन मस्तिष्क को ठीक करता है,इससे हम तनाव मुक्त रहते हैं,पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।अनुशासित जीवन के लिये योग की आज महत्ती आवश्यकता है।
कार्यक्रम संयोजक लक्ष्मण कुमार गुप्ता ने अपने उद्बोधन में सभी गणमान्य अतिथियों व बच्चों का योग सत्र में ऑनलाइन भाग लेने पर हार्दिक आभार व्यक्त किया,ओर कहा कि आज के तेजी से बदलते हुए समय में योग केवल फिटनेस के लिये ही नहीं अपितु मन मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने के लिये है,उन्होंने योग को अपनी नियमित दिनचर्या में अपनाने पर बल दिया।
मंच संचालक प्रदीप त्यागी ने सभी को योग दिवस की बधाई दी और कहा कि जिस तरह से आज हम ऑनलाइन इकठ्ठे हुए हैं यह समन्वय शरीर आत्मा आसान को तैयार करता है,प्राणायाम के द्वारा ऑक्ससीजन की मात्रा से स्वस्थ, ध्यान साधना से एकाग्रता आती है।
योग शिक्षिका श्रीमती वीना वोहरा व शिक्षक श्री अशील जी ने सुन्दर डेमोस्ट्रेशन प्रस्तुत किया जिसे देखकर सबने सुन्दर अभ्यास किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सर्वश्री अशोक शास्त्री,सुभाष गर्ग,डी०एन०शर्मा,मनमोहन वोहरा एवं सभी योग शिक्षक- शिक्षिकाओं तथा आई एम एस के शिक्षकों व छात्रों ने भाग लेकर अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री डा आर के पोद्दार,डॉ.मधु पोद्दार,प्रो.रजनीश जैन(आई एम एस कॉलेज),रतन लाल,सीए के के कोहली,राजेश शर्मा,हरिओम, एस पी एस तोमर एवं श्रीमती मीता खन्ना आदि उपस्थित रहे।
योग शिक्षिका श्रीमती रेखा गुलाटी ने वैदिक प्रार्थना व शांति पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न कराया।
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