Sunday, 20 June 2021

"प्राणायाम से बढायें फेफड़ों की क्षमता" पर गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

स्व पर अनुशासन से होगा शासन -योगाचार्य सेवक जगवानी

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "प्राणायाम से बढ़ायें फेफड़ों की क्षमता" विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल में 237 वां वेबिनार था।

मुख्य वक्ता योगाचार्य सेवक जगवानी ने कहा कि कर्म हम धर्म के करते नहीं,इसलिए मर्म आते हैं,योग में ना रह कर के,भोग में रहते हैं इसलिए रोग आते हैं।हर व्यक्ति शासन करना चाहता है लेकिन अनुशासन में कोई रहना नहीं चाहता इस अनुशासनहीनता के कारण ही हम सभी कष्ट भोगने के लिए बाध्य हो गए और वर्तमान में कोरोना महामारी अनुशासन हीनता के कारण आई है लोग प्रकृति से दूर हो गए,हमें ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए कि ऐसे संकट में भी हम जीवित हैं।इस संसार में यह जो समय चल रहा है समुंद्र मंथन का चल रहा है शीघ्र ही अमृत निकलेगा शुभ दिन आएंगे ईश्वर की कृपा से जन जीवन सामान्य हो जाएगा।यूं तो साधन अनेक हैं,पर साधना कोई करता नहीं,उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर को साधने की कला नहीं है,शरीर को कितना भी साध लो जब तक विचारात्मक भावनात्मक परिवर्तन नहीं होगा,काम नहीं चलेगा,योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने पर बल दिया।जीवन में पतंजलि- ऋषि द्वारा प्रतिपादितअष्टांग योग

१)यम-अहिंसा,सत्य,ब्रह्मचर्य, अस्तेय,अपरिग्रह...२)नियम,शौच,संतोष,तप,स्वाध्याय,ईश्वर प्राणिधान,३)आसन,४) प्राणायाम ५) प्रत्याहार,६) धारणा,७)ध्यान, ८) समाधि को अपनाये तो परिवार और समाज सुखी हो जाये,प्रसन्न जीवन जीने की कला है योग।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि योग का अर्थ है जोड़ना, हमें समाज को जोड़ने का कार्य करना चाहिए।स्वस्थ समाज की संरचना में योग कारगर है जो जाति,लिंग,प्रान्त देश से ऊपर उठकर सभी के लिए समान लाभकारी है।

मुख्य अतिथि कवियित्री अनिता गुप्ता(मेरठ) व अध्यक्ष नरेन्द्र प्रकाश हसीजा ने योग के महत्व पर प्रकाश डाला और योग को जीवन में अपनाने पर बल दिया ।

प्रान्तीय महामंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि योग ही जीवन का आधार है।

गायिका प्रवीना ठक्कर,प्रतिभा सपरा,राजकुमार भंडारी, ईश्वरदेवी,मृदुला अग्रवाल, कमलेश भाटिया,सुदेश आर्या, कमलेश हसीजा,कुसुम भंडारी आदि ने मधुर गीत सुनाये।

आचार्य महेन्द्र भाई,आनन्द प्रकाश आर्य,सौरभ गुप्ता,सुशील बंसल,अमरनाथ बत्रा,रत्नाकार बत्रा,करुणा चांदना,वेद भगत, वीरेन्द्र आहूजा,नरेंद्र आर्य सुमन आदि उपस्थित थे।


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