योग बदलती जीवन शैली, मात्र नहीं है यह व्यायाम।
प्रातः उठकर योग करें सब, उसके बाद करें फिर काम।
काया रखे निरोगी हरदम, बीमारी फटके मत पास।
स्वस्थ शुचित जीवन हो जाये, बढ़े योग का जग में नाम।1
युद्ध महामारी से होता, कठिन हुआ लेना अब स्वांस।
प्रतिरोधक क्षमता कम हो जब, जैसे चुभे कंठ में फांस।
ऑक्सीजन की कमी हो रही, प्राणवायु बिन सब बेहाल।
कोरोना को हर शरीर से, योग ठेलता बनकर बांस।2
स्वस्थ रहें सब भारतवासी, हो आरंभ एक अभियान।
मात कॅरोना को हम देंगे, लिया सभी ने मन में ठान।
करें कड़ाई, बिना ढिलाई, कभी करें हम कहीं न भीड़।
योग करें अब सारे मिलकर, चाहे निर्धन या धनवान।3
श्वसन तंत्र को सुदृढ कराये, करता तन का सदा विकास।
मन को भी मजबूत बनाये, खुद में उपजे फिर विश्वास।
सभी सीख लें और सिखायें, करें नियम से हम सब योग।
बोझ चिकित्सक पर कम कर दें, योगी करते यही प्रयास।3
कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, 21 जून 2021
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