समीक्षा न्यूज संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिसे महानगर भी कहा जाता है जहां कि जनसंख्या लाखों में है जिसे कोरोना से बचाने के लिए योगी सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी सुझबुझ से बचाया और गत सप्ताह गाजियाबाद का भी लॉक डाउन खुल गया। किन्तु ऐसा लगता है कि बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लॉकडाउन खुलना रास नहीं आ रहा है। साथ ही ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनकी लापरवाही के चलते गाजियाबाद में फिर से लॉकडाउन लग जायेगा।
बताते चले कि आनन्द इन्डस्ट्रियल एरिया स्थित बिजली घर के द्वारा गत माह बिजली के बिल आॅनलाइन भेजे गये थे। यहां तो ठीक था किन्तु यह बिल आनन फानन में बनाकर भेजे गये यही गलत था। जिस कारण बहुत से उपभोक्ताओं ने यह सोचकर बिल जमा नहीं किया कि अगले माह जब बिजली बिल निकालने वाले बिल निकालेंगे तक बिल सही निकलेगा और बिल जमा कर दिया जायेगा। किन्तु हुआ इसका उलट बिजली बिल निकालने वाला तो आया और बिल भी निकाले परन्तु बिल फिर भी गलत निकाला गया। जब उनसे यह पूछा गया कि यह बिल गलत क्यों निकला है तो उनका एक ही जवाब था कि बिजली घर जाओ और सही कराओं।
ऐसे में उपभोक्ताओं के पास एक ही चारा बचता है कि वे बिजली घर जाये और बिल सही करायें और यदि सभी उपभोक्ता बिल सही कराने के लिए वहां पहुंचे तो निश्चित ही कोरोना के बढ़ने की उम्मीद ज्यादा है। ऐसे में उपभोक्ता क्या करें।
वहीं बालाजी विहार निवासी खिल्ला सिंह का गत माह आॅनलाइन 7782 रूपये का बिल भेजा गया इस माह 11 जून को जब विद्युतकर्मी द्वारा बिल निकाला गया तो 7782+306़0—10883 का बिल बनाया गया। जिसमें रिडींग पिछली—26599 और वर्तमान 25969 थी। बिजली विभाग वाले इतनी लापरवाही कैसे कर सकते हैं।
वहीं अर्थला निवासी राजेश गिरि द्वारा जब बिजली घर जाकर अपने बिल के अधिक आने के सम्बंध में बातचीत की गयी तो बिजली विभाग कर्मियों ने यह कह बिल सही है और यही जमा करना होगा।
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