धनसिंह—समीक्षा न्यूज
एक देश मे एक विधान,एक प्रधान और एक निशान के पक्षधर थे डॉ मुखर्जी -सांसद तरुण विजय
भारतीयता व राष्ट्रवाद के संदेशवाहक थे डॉ मुखर्जी -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 120 वें जन्मोत्सव पर ऑनलाइन विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल मे परिषद का 245 वां ऑनलाइन वेबिनार था।
सांसद तरुण विजय ने कहा कि डॉ मुखर्जी अखण्ड भारत के स्वप्न द्रष्टा थे उन्होंने उस समय जम्मू कश्मीर की परमिट परिपाटी के विरुद्ध संघर्ष का सिंहनाद किया उन्होंने राष्ट्र को सन्देश दिया कि एक देश में दो प्रधान,दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे।वे जम्मू कश्मीर को भारत का अविभाज्य अंग बनाने के लिए बलिदान हो गए। उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा धारा 370 व 35A समाप्त करके दी गयी। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम आयु के उपकुलपति बने,उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की रक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया ।
उल्लेखनीय है कि डॉ मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता भी सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे।अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर ली व 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया,उनके कार्य सदियों तक आने वाली पीढ़ियों का मार्गप्रशस्त करते रहेगे।आज बंगाल में हिंदुओं की दयनीय स्थिति में वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाने की आवश्यकता है।
आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेने का आह्वान किया।समारोह अध्यक्ष हरीश भारद्वाज ने आभार व्यक्त करते हुए डॉ मुखर्जी की राष्ट्रवाद का प्रतीक बताया।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है तभी हम राष्ट्रीय एकता अखंडता को मजबूत रख सकते हैं।
आर्य नेता सुरेन्द्र शास्त्री के 77 वें जन्मोत्सव पर सभी ने शुभकामनाएं प्रदान की।
गायिका प्रवीन आर्या,पुष्पा शास्त्री,नरेन्द्र आर्य'सुमन',सुदेश आर्या,जनक अरोड़ा,कुसुम भंडारी,सुरेंद्र तलवार,कृष्णा मुखी आदि ने मधुर गीत सुनाये।
प्रमुख रूप से राजेश मेंहदीरत्ता, रमेश गाड़ी,राजीव चौधरी, देवेन्द्र गुप्ता,सौरभ गुप्ता,अथर्व अरोड़ा आदि उपस्थित थे।
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