धनसिंह—समीक्षा न्यूज
लोक गीत विभन्नता को एकता में जोड़ते हैं -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में ऑनलाइन लोकगीतों का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
यह कोरोना काल में 251 वां वेबिनार था।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश है।लोक गीत विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने का कार्य करते हैं।यह अपनी मिट्टी से जुड़ने का सशक्त माध्यम है।
गायिका प्रवीन आर्या ने "बता मेरे यार सुदामा रे घने दिनों में आया", संगीता आर्या ने पंजाबी गीत, ऋषिका शर्मा ने "माय ने मेरिये शिमले दी राही, ईश्वर देवी ने "चन किथां गुजारी हई रात वे" संगीता आर्या ने कंगी वावा व जनक अरोड़ा,दीप्ति सपरा,नरेन्द्र आर्य सुमन,सुदेश आर्या,निताशा कुमार, सुशांता ग्रोवर, रवीन्द्र गुप्ता,किरण सहगल, सुरेंद्र तलवार,वीना वोहरा,प्रवीना ठक्कर,राजकुमार भंडारी,राज सरदाना आदि ने हिंदी,पंजाबी, गुजराती,डोगरी,हिमाचली, पहाड़ी,बंगाली,मुल्तानी के लोकगीत सुनाकर समां बांध दिया।
मुख्य अतिथि राजेश मेहंदीरत्ता ने "लंग आजा पतन चन्ना दा" सुनाया व अध्यक्ष प्रतिभा कटारिया ने "डफली वाले डफली बजा" सुनाकर मनोरंजन किया।
राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन आर्य ने "ओ फिरकी वाली" आदि गीत सुनाये।
प्रमुख रूप से वीना आर्या (हापुड),संतोष शर्मा,महेंद्र भाई, सौरभ गुप्ता,उर्मिला आर्या, मोनिका सहगल(डलहौजी), नीलम आर्या(शामली),आस्था आर्या,आशा आर्या,कुसुम भंडारी आदि उपस्थित थे।
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