धनसिंह—समीक्षा न्यूज
प्रातः काल वेद मंत्रों का पाठ आनंदित करता है-दर्शनाचार्य विमलेश बंसल
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "कैसे करें भोर में स्नान" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 244 वें वेबिनार था।
वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या विमलेश बंसल ने कहा कि व्यक्ति को प्रातः उठकर प्रातः कालीन मंत्रो का पाठ करना चाहिए।मन शांत,चित शांत और जग शांत भोर का समय प्रभु स्तुति व प्रभु मिलन का सुन्दर समय है।उन्होंने अपने ओजस्वी,ज्ञानवर्धक,प्रेरक, भक्तिभाव से परिपूर्ण ज्ञानगंगा में स्नान कराते हुए कहा-कि जगत जननी मॉ हमें अपने सहस्त्र हाथों से प्रतिक्षण स्नान करा रही है अपने गुण कर्म स्वभाव द्वारा ज्ञान ऐश्वर्य के लोटे भर भर।इस बात का अनुभव अर्थात् उस परमात्मा के गुण कर्म स्वभाव की अनुभूति हमें भोर के एकांत में अवश्य उसकी स्तुति,प्रार्थना,उपासना द्वारा प्रातःकालीन जागरण मंत्रों से अत्यंत श्रद्धा,भक्ति,प्रीति, समर्पण के साथ अवश्य करनी चाहिए।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि ईश्वर स्तुति से मन को शक्ति व ईश्वर के गुण प्राप्त होते हैं,व्यक्ति आशावादी बनता है बड़े से बड़ा कष्ट आसानी से सहन कर लेता है।
मुख्य अतिथि उर्मिला आर्या व अध्यक्ष डॉ रचना चावला ने दैनिक संध्या व उपासना पर बल दिया ।
परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने योग से ईश्वर प्राप्ति की राह बताई।
गायिका प्रवीना ठक्कर,दीप्ति सपरा,संतोष शर्मा,ईश्वर देवी, कुसुम भण्डारी,नरेंद्र आर्य सुमन, निर्मल विरमानी, उर्मिला आर्या, रवीन्द्र गुप्ता आदि ने भजन सुनाये।
प्रमुख रूप से करुणा चांदना, आनन्द प्रकाश आर्य,महेंद्र भाई, सौरभ गुप्ता,शोभा सेतिया,इंदु मेहता,प्रतिभा कटारिया, जनक अरोड़ा ,वेद भगत आदि उपस्थित थे ।
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