धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा वरिष्ट नागरिकों के आग्रह पर संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने “भगवान बुद्ध नि:शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय नंदग्राम आश्रम रोड के प्रांगण में ‘आदिकवि महर्षि बाल्मिकी’ द्वारा रचित आदि ग्रन्थ रामायण व महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित राम चरित मानस भेंट की|
संस्था के अध्यक्ष रामदुलार यादव ने कहा कि रामायण संस्कृत साहित्य का आदि ग्रन्थ है| महर्षि वाल्मीकि आदि कवि है| महर्षि ने इसके प्रथम श्लोक में ही उसके माध्यम से ही समाज को सन्देश दिया है कि “अन्याय, अत्याचार, हिंसा और दूसरों को पीड़ा पहुचाने से कभी भी मानव को प्रतिष्ठा नहीं मिलती है उन्होंने कहा कि
“मा निषाद प्रतिष्ठामत्वमगम शास्वति समा: |
यत कौंचमिथुनादेकमे, अवधी काम मोहितम् ||
रामदुलार यादव ने आशा ब्यक्त की है कि रामायण और रामचरित मानस का अध्ययन कर वरिष्ट जन समाज में प्रेम, सदभाव और सहयोग का प्रचार –प्रसार करेंगे, तथा अन्याय, अत्याचार व हर तरह के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए तैयार रहेंगे| उन्होंने यह मांग भी की राम मन्दिर ट्रस्ट श्री राम मन्दिर परिसर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की मूर्ति के साथ महर्षि वाल्मीकि जी का भी मंदिर निर्माण कर उनके हाथ में आदि ग्रन्थ रामायण के साथ उनकी मूर्ति लगाए क्योंकि उन्होंने ने ही लोक में जन–जन को राम, लक्ष्मण, सीता जी को महापुरुष के रूप में प्रतिष्ठापित किया| राम चरित मानस के रचयिता महाकवि तुलसीदास का समाज को सुदृढ़ बनाने में बड़ा योगदान है, उन्होंने परिवार, समाज, मित्र तथा व्यक्ति को आपस में मिलकर रहने का संदेश दिया, तथा कहा कि भगवान राम को महाकवि ने उनके उदात्त–चरित्र का वर्णन किया तथा मर्यादा पुरुषोतम भगवान के रूप में आम-जन को जनवाने का कार्य किया| हमें भी उनके गुणों को ग्रहण कर समरस समाज बनाने का प्रयत्न करते हुए अन्याय और अत्याचार का प्रतिकार करना चाहिए|
कार्यक्रम में शामिल रही पुस्तकालय संचालिका सुधा गौतम, मनीष यादव, देव, निशांत, नंदू यादव, तक्षित, मनोज, रिया पाल, दिपाली, संध्या, कंचन, रिषभ, हरी मोदी, पारस, रंजन पाल, नवीन आदि।
No comments:
Post a Comment