वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज
प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू करने तथा 1947 को कट ऑफ डेट मानते हुए यहां के मूल निवासियों को मूल प्रमाण पत्र देने की मांग को लेकर उक्रांद का जोरदार प्रदर्शन,उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित
नरेन्द्रनगर। उत्तराखंड क्रांति दल ने केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू करने तथा यहां के मूल निवासियों को पूर्व की भाँति मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की मांगों को लेकर उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
आज सुबह से ही क्षेत्र के दूर-दराज इलाकों से उत्तराखंड क्रांति दल से जुड़े कार्यकर्ताओं का हुजूम शहर के पालिका मैदान में पहुंचा।
पालिका मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर ने संबोधित करते हुए कहा कि पृथक प्रदेश के लिए धरातल पर सच्ची लड़ाई उत्तराखंड क्रांति दल और प्रदेश की जनता ने लड़ी।
कहा कि दिल्ली और लखनऊ के वातानुकूलित कमरों में बनाई जाने वाली योजनाएं पहाड़ के लिए मुआफिक नहीं हुआ करती थी।
मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले पहाड़ का विकास एकदम पिछड़ता चला जा रहा था।
पृथक प्रदेश के लिए उक्रांद की लड़ाई में प्रदेश की जनता ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, और विश्व भर में एक अनोखा स्फूर्त आंदोलन की ज्वाला को देख केंद्र सरकार को अपनी दिल्ली तख्त की चूलें जब हिलती दिखाई दी तो पृथक राज्य की घोषणा करनी पड़ी।
मगर हैरत की बात तो ये है कि 21 सालों के बाद भी आज पृथक प्रदेश की अवधारणा न तो यहां के बड़े नेताओं और न ब्यूरोक्रेट्स के समझ में आया। यही वजह है कि आज बेरोजगार सड़कों पर हैं, ओने पौने दामों पर भोली-भाली उत्तराखंड की जनता अपनी जमीन को लुटाने और बेदखल होने को मजबूर है।
मगर इस तरफ कांग्रेस और भाजपा आंख बंद कर बारी-बारी से प्रदेश को लूटने पर आमादा है।
केंद्र ने मुख्यमंत्री भी ऐसे भेजे कि जो अपने अबोध बचकाने बयानों से देश,प्रदेशों तो क्या पूरे विश्व में उत्तराखंडियों की भद्र पिटवा रहे हैं।
सरदार सिंह पुंडीर ने कहा उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रदेश में एक सशक्त भू-कानून लागू करवाने तथा 1947 को कट ऑफ डेट मानते हुए स्थाई निवास प्रमाण पत्र के बदले यहां के बाशिंदों को पूर्व की भांति मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने की दो मांगों को लेकर पहले से ही यहां की सरकारों पर दबाव बनाती रही है।
मगर भाजपा और कांग्रेस की सत्तारूढ़ रही प्रदेश की सरकारों की कानों में आज़ तक भी जूं तक नहीं रेंगी है।
उक्त दो ज्वलंत मुद्दों के मामले में सरकार की हठधर्मिता ने उत्तराखंड क्रांति दल को आंदोलन के लिए बाध्य किया है।
पुंडीर ने कहा उक्त दोनों मांगों के ना माने जाने पर इस प्रदेश का मूल निवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।
प्रदेश भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि दोनों मांगे न मानी गई तो उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन को किसी भी सीमा तक ले जाने के लिए बाध्य होगा।
पालिका में आयोजित सभा के बाद उक्रांद ने बाजार की मुख्य मार्गों पर जुलूस निकाला और प्रदेश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।
तहसील प्रांगण में जाकर एक बार फिर जुलूस आम सभा में तब्दील हो गया। यहां पर उक्राँद के कई नेताओं ने दोनों मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला।
पार्टी के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को संबोधित 2 सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी युक्ता मिश्र के माध्यम से प्रेषित किया गया।
जुलूस में सरदार सिंह पुंडीर के अलावा लोडसी के प्रधान अनिल सिंह,लोयल के प्रधान दशरथ सिंह पुंडीर, सूरत सिंह, सुरेंद्र सिंह रावत पूर्व सैनिक, बल सिंह चौहान, प्रधान सुनील नेगी,गजेंद्र सिंह,प्रमोद पुंडीर,गोपाल सिंह चौहान, बलवीर सिंह रावत,गोपाल सिंह,फोन सिंह,वीरेंद्र सिंह, रविंद्र सिंह, धूम सिंह,भागचंद सिंह,आशीष,हरिंदर,सोहन सिंह राणा,रामलाल,धनवीर, जगमोहन, व भूपेंद्र पुंडीर सहित बड़ी संख्या में उक्रांद कार्यकर्ता मौजूद थे।
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