"हिंदू समाज कैसे संगठित हो" गोष्ठी सम्पन्न



धनसिंह—समीक्षा न्यूज   

समान विचार,समान सोच व एक वाणी से ही हिन्दू संगठन सम्भव -अतुल सहगल

ओ३म्,यज्ञ व योग हिन्दू समाज को सर्वमान्य है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में " हिन्दू समाज कैसे संगठित हो?" पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया.यह कोरोना काल मे 304 वां वेबिनार था ।

वैदिक विद्वान अतुल सहगल ने कहा कि समान सोच,समान विचार व एक वाणी से ही हिंदू समाज संगठित हो सकता है ।

 हिंदू धर्म योद्धा वीर बंदा बैरागी की स्मृति को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि वैदिक विचारधारा के मुख्य सूत्रों को जन जन में लेकर जाने की आवश्यकता पर बल दिया।भारतीय समाज के अन्य पंथाविलंबियों के साथ चर्चा और वार्ता करने पर ज़ोर दिया।हिंदू संगठन के आधार होंगे -समान सोच, समान विचारधारा, एक वाणी में बोलते हुए व एक साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए लोग।वैदिक विचारधारा सब पंथ के लोगों को एक सूत्र में बाँधने का सामर्थ्य रखती हैं।इसी विचारधारा को पुनः स्थापित करना है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि ओ३म्,यज्ञ व योग के प्रति सभी की आस्था है,इन तीन बिंदुओं पर सभी हिन्दू अपनी अपनी उपासना पद्धति अपनाते हुए भी संगठित हो सकते हैं।

मुख्य अतिथि डा.(कर्नल) विपिन खेड़ा नें समाज सेवा के कार्यों पर व साधारण लोगों की दैनिक समस्याओं के निराकरण पर बल दिया।आर्य नेत्री विद्योत्तमा झा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाल व युवा वर्ग के संस्कारीकरण का महत्व समझाया।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वर्तमान समय में हिन्दू संगठन राष्ट्र हित में आवश्यक है।

गायिका प्रवीना ठक्कर,दीप्ति सपरा,कुसुम भंडारी,प्रवीन आर्या, बिंदु मदान, ईश्वर देवी,रेखा वर्मा, विजय लक्ष्मी आर्या,मधु खेड़ा, रजनी गर्ग,रजनी चुघ,सुखवर्षा सरदाना के मधुर भजन हुए ।

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