धनसिंह—समीक्षा न्यूज
समग्र क्रांति के अग्रदूत थे महर्षि दयानंद -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
देहरादून, शनिवार 30 अक्टूबर 2021, वैदिक साधन आश्रम, नालापानी, देहरादून में आर्य समाज के संस्थापक, महान समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी महर्षि दयानंद सरस्वती जी का बलिदान दिवस मनाया गया । उल्लेखनीय है कि 30 अक्टूबर 1883 को भिनाय कोठी,अजमेर में उनका बलिदान हुआ था ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद समग्र क्रांति के अग्रदूत थे । उन्होंने वेदों की पुनर्स्थापना की और सामाजिक कुरुतियों के विरुद्ध जनजागरण किया । समाज में फैले अंधविश्वास, पाखण्ड व कुरीतियों पर सीधा प्रहार किया । उन्होंने लोगो के सोचने की दिशा ही बदल डाली ।
महर्षि दयानंद नारी जाति की शिक्षा वेदों के पठन पाठन पर जोर दिया । उनका मानना था कि कोई कितना ही करे परंतु स्वदेशी राज्य सर्वोत्तम है ।
वैदिक साधन आश्रम तपोवन के मंत्री प्रेम प्रकाश शर्मा ने कहा कि महर्षि दयानंद के ऋण से हम कभी उऋण नहीं हो सकते । उनका देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा, अनेको क्रांतिकारी उनसे प्रेरणा पाकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े । पुरातन भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया ।
आर्य गायिका प्रवीन आर्या के मधुर भजन हुए ।
प्रमुख रूप से चन्दन सिंह,सत्यपाल आर्य,ओमप्रकाश महेन्द्रू, मनीष सहगल आदि उपस्थित थे ।
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