धनसिंह—समीक्षा न्यूज
आत्मरक्षा का अधिकार अहिंसा कहलायेगी -डॉ. नरेन्द्र आहूजा विवेक
लालबहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति के स्तम्भ थे-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री जी के जन्मदिन पर "अहिंसा का अर्थ" ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया।यह कोरोना काल में 291 वां वेबिनार था ।
डॉ. नरेन्द्र आहूजा विवेक (राज्य औषधी नियंत्रक,हरियाणा सरकार) ने कहा कि अपनी आतातायी से रक्षा करना अहिंसा है,चीन हमारी जमीन पर कब्जा करता है हम युद्ध कर परास्त करते हैं यह अहिंसा है।आंतकवादी का राज्य की शांति के लिए वध अहिंसा है।समाज की शांति और सुरक्षा के लिए की गई हिंसा अहिंसा ही कहलायेगी। कोई एक गाल पर थप्पड़़ मारे दूसरा आगे कर देना अहिंसा नहीं अपितु कायरता है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा लालबहादुर शास्त्री एक निर्धन परिवार से उठकर भारतीय राजनीति के क्षितिज पर पहुंचे यह उनकी तपस्या का अनुपम उदाहरण है।उनकी सादगी, विनम्रता एक अनुकरणीय उदाहरण है।उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया और देश में एक उत्साह पैदा कर दिया।आज की राजनीति में लालबहादुर शास्त्री पवित्र व साफसुथरी छवि के एक आदर्श हो सकते हैं।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को उनके व्यक्तित्व का अनुसरण करना चाहिए।शास्त्री जी की पहचान उनकी ईमानदारी है। शास्त्रीजी ने देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि शास्त्रीजी ने हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास किए और महात्मा गांधी जी को "महात्मा" की उपाधि स्वामी श्रद्धा नंद जी ने प्रदान की।
मुख्य अतिथि जितेन्द्र खरबंदा व अध्यक्ष नरेन्द्र कस्तूरिया ने भी शास्त्री जी की कार्यशैली व नीतियों की प्रशंसा की।
गायिका रजनी चुघ,अंजू आहूजा, रजनी गर्ग,रचना वर्मा,ईश्वर देवी, बिंदु मदान,रविन्द्र गुप्ता,प्रतिभा कटारिया आदि ने मधुर गीत सुनाये ।
प्रमुख रूप से आनन्द प्रकाश आर्य,कुसुम भंड़ारी,राजेश मेहंदीरत्ता,डी पी परमार,सुरेन्द्र बुद्धिराजा,डॉ रचना चावला, मृदुला अग्रवाल,धर्मपाल आर्य,वेद भगत,आस्था आर्या आदि उपस्थित थे।
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