धनसिंह—समीक्षा न्यूज
यज्ञ व व्याकरण के सूर्य थे स्वामी चन्द्रवेश जी -स्वामी आर्यवेश
गाजियाबाद। शम्भू दयाल वैदिक संन्यास आश्रम,गाजियाबाद के प्रधान,स्वामी इन्द्रवेश विद्यापीठ टिटौली के मुख्य आचार्य, गुरुकुल कालवा के संस्थापक स्वामी चन्द्रवेश जी की स्मृति में प्रेरणा सभा गाजियाबाद संन्यास आश्रम में आयोजित की।स्वामी आर्यवेश ने कार्य्रकम की अध्यक्षता की।
सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने कहा कि स्वामी चंद्रवेश जी व्याकरण के सूर्य थे।वह महर्षि दयानंद के अनन्य भक्त व संघर्ष शील व्यक्तित्व के धनी रहे।आज ऐसा लग रहा है जैसे व्याकरण का सूर्य अस्त हो गया है। स्वामी जी के नाम से राष्ट्र स्तर का सम्मान हर वर्ष करने की घोषणा भी की गई।
वैदिक विद्वान आचार्य जयेंद्र ने कहा कि स्वामी चंद्रवेश जी आर्य समाज की शान थे।सतीप्रथा के खिलाफ आंदोलन तथा नशाखोरी के विरुद्ध जन जागरण में हमेशा नेतृत्व वर्ग के साथ रहे।
आश्रम के आचार्य सत्यपति ने कहा कि गाजियाबाद संन्यास आश्रम आर्य समाज के सन्यासियों व विद्वानों के लिए सदैव समर्पित रहेगा।जो आदेश होगा हम आगे बढ़ कर इसका पालन करेंगे।
आश्रम के सदस्य सत्यकेतु सिंह ने कहा कि स्वामी चन्द्रवेश जी वेदों के प्रकांड विद्वान थे।वे बड़े बड़े यज्ञों के ब्रह्मा पद को सुशोभित करते थे।उनके जाने से आर्य समाज की अपार क्षति हुई है।स्वामी जी अत्यंत सरल स्वभाव के व्यक्ति रहे जिसको मिलते थे अपना बना लेते थे ।
युवा सन्यासी स्वामी आदित्यवेश ने कहा कि हम स्वामी चन्द्रवेश के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे।
आर्य केन्द्रीय सभा के प्रधान सत्यवीर चौधरी ने कहा कि ऐसे साधु विरले होते हैं। उनके कार्य ही उनकी पहचान हैं। कार्यक्रम का आरंभ यज्ञ से हुआ जिसके ब्रह्मा डा जयेंद्र आचार्य रहे।
सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के कोषाध्यक्ष माया प्रकाश त्यागी जी ने कहा कि ऐसे विद्वान व तपस्वी कभी कभी जन्म लेते हैं।
इस अवसर पर आर्य समाज के गणमान्य लोगों डा प्रतिभा सिंघल ने कहा कि स्वामी जी का चरित्र बहुत ऊंचा था,इसके अतिरिक्त प्रेम पाल शास्त्री,पूर्व शिक्षा मंत्री बालेश्वर त्यागी,महापौर आशा शर्मा,डा जयेंद्र आचार्य,वेद व्यास,प्रेम देव,जितेंद्र आर्य, उदयवीर एवं प्रवीण आर्य ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
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