"दो अक्टूबर"




दो अक्टूबर जब भी आता,

छुट्टी सभी मनाते हैं।

इसके पीछे के कारण, 

सब जन सदा भुलाते हैं।


इस दिन अपने बापू जन्मे, 

जिनका जग में नाम बड़ा।

जन्मे लाल बहादुर जी भी, 

किया उन्होंने काम बड़ा।

सही राह दिखलाने वाले,

किस्से हमें सुनाते हैं…1


सत्य-अहिंसा की ताकत को,

बापू ने पहचाना था।

अंग्रेजों को दूर भगाएं, 

गाँधी जी ने ठाना था।

जोर स्वदेशी पर देने को,

चरखा स्वयं चलाते हैं...2


लाल बहादुर कद में छोटे,

लेकिन हिम्मत दिखलाई।

दुश्मन के घर घुस कर मारा,

तूती अपनी बुलवाई।

जय जवान सँग जय किसान का

नारा शुभ दे जाते हैं…3


महापुरुष दोनों गुणवाले,

इनसे शिक्षा हम सब लें।

देशप्रेम, हिम्मत, चतुराई,

अपने अंदर हम भर लें।

इनके जीवन की गाथाएं,

हरदम हमें सुनाते हैं...4


सदा देश हित जीना-मरना,

यह संदेशा पाते हैं।

दो अक्टूबर जब भी आता,

छुट्टी सभी मनाते हैं।


कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव

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