अत्याचारी और निरंकुश केंद्र सरकार ने चुनावों में हार के डर से काले कृषि कानून वापस ले लिए



दीपेन्द्र सिंह—समीक्षा न्यूज  

गाजियाबाद। आज का दिन  भारत के इतिहास में स्वर्ण शब्दों के साथ लिखा जाएगा आज देश मैं अत्याचारी निरंकुश सरकार में किसानों के संघर्ष के आगे घुटने टेकते हुए तीनों कृषि काले कानून वापस लेने का फैसला किया 1 साल से भारत का अन्नदाता गर्मी सर्दी बरसात मैं सड़क पर बैठा हुआ था और अत्याचारी सरकार तरह तरह से किसानों के शांतिप्रिय आंदोलन को कुचलने की साजिश करती रही परंतु किसानों की एकता के आगे आखिरकार 700 किसानों का बलिदान देने के बाद निरंकुश सरकार की समझ में आ गया के आगामी विधानसभा चुनावों में जनता इस सरकार के खिलाफ अपने मत का प्रयोग करने जा रही है हार के डर से इस निरंकुश सरकार ने हथियार डालते हुए कृषि कानूनों को वापस लिया पर सरकार यह नहीं समझे की किसान उसको माफ कर देगा नौजवान माफ कर देगा बहुत दर्द खेला है भारत के अन्नदाता ने और इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ेगा उत्तर प्रदेश में चल रही जनविरोधी निरंकुश सरकार को किसान भाई एकजुटता के साथ सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे

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