धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। पर्वतीय प्रवासी जन कल्याण समिति एवं गाजियाबाद एनसीआर में बस रहे उत्तराखंड के प्रवासी जनों के सहयोग से शिप्रा मॉल अभय खण्ड इंदिरापुरम में आयोजित किए जा रहे उत्तराखंड मेला कौथिग इंदिरापुरम - 2021 की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य संयोजक पंडित सच्चिदानंद पोखरियाल ने कहा कि जैसे प्रकृति स्वयं गाती गुनगुनाती है ऐसे ही धरती के हर हिस्से पर बस रहे वहां के मूल निवासियों की नैसर्गिक जीवन शैली, रहन-सहन, रीति-रिवाज, खान-पान वेशभूषा, बोली भाषा, गीत संगीत कला-कौशल धर्म-दर्शन और साहित्य की मूल मणियों से निर्मित माला ही लोक संस्कृति कहलाती है। लोक संस्कृति कभी भी बनावटी शिष्ट समाज पर आश्रित नहीं रही,प्रत्येक शिष्ट समाज अपनी लोक संस्कृति से प्रेरणा प्राप्त करता रहता है। लोक संस्कृति किसी व्यक्ति विशेष की धरोहर नहीं वरन युगो युगो से समाज की साधना का परिणाम है।
सच्चिदानंद शर्मा ने कहा कि दिनांक 17,18, 19 दिसंबर को आयोजित किए जा रहे उत्तराखंड महोत्सव के मंच से उत्तराखंड की मौलिक संस्कृति को उकेरने का काम किया जाएगा। आयोजकों ध्येय भव्यता व बनावटी भौतिकता नहीं वरन अपने मौलिक स्वरूप की प्रस्तुति करने का हैl
उन्होंने अपील की, कि यदि उत्तराखंडी प्रवासी जन अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर आएं तो यही मेले की भव्यता को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर देकर कहा कि भले ही इसका आयोजन किसी संस्था की देखरेख में किया जा रहा हो किंतु इसका आयोजक वह प्रत्येक उत्तराखंडी है जो इस कौथिग मेले में भाग लेने आ रहे हैं। यह हम सब उत्तराखंडी प्रवासियों का मेला है साथ ही साथ उन्होंने आगंतुको से कोविड नियम पालन करने की अपील की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संरक्षक श्री जगत सिंह रावत ,पी एन शर्मा ,चंदन सिंह गुसाईं विनोद कबटियाल, विजय रावत, जगदीश रावत, डॉ.सतीश कालेश्वरी, अध्यक्ष-सागर रावत, महासचिव- इंदर सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष -आनंद पांडे, सुनील कोठारी, संजय उनियाल, मोहन सिंह नेगी, सौरभ कप्टियाल, दिलबर सिंह नेगी, कुलदीप रावत, सुबोध कोटनाला भोपाल सिंह बिष्ट, राजेश रावत, हरीश कड़ाकोटि, मन्नू रावत, प्रदीप बेदवाल, दिनेश बडोला, मोहन सिंह रावत, यमन डबराल, आशीष नेगी, राजकिशोर डोबरियाल, मेहरबान सिंह रावत, राकेश गौड़ आदि पदाधिकारी एवं सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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