देश भक्ति, समाज सेवा तथा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास मालवीय जी का मूलमंत्र था: रामदुलार यादव/ वीरेन्द्र यादव



समीक्षा न्यूज संवाददाता  

साहिबाबाद। करुणा, दया, सद्भावना की प्रतिमूर्ति, महान मनीषी, उच्चकोटि के वक्ता, प्रखर अधिवक्ता, मूर्धन्य साहित्यकार, बेजोड़ पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न महामना  पण्डित मदन मोहन मालवीय बहुमुखी प्रतिभा के धनी का जन्म-दिवस समारोह समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट के नेतृत्व में ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में आयोजित किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता साहिबाबाद विधान सभा क्षेत्र अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह काले ने किया, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन छात्र सभा के महानगराध्यक्ष अंशु ठाकुर ने किया। कार्यक्रम “सद्भाव भाईचारा दिवस” के रूप में मनाया गया, मुख्य वक्ता समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता शिक्षाविद राम दुलार यादव भी समारोह में शामिल रहे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि देश भक्ति, समाज सेवा तथा व्यक्ति का सर्वांगीण विकास मालवीय जी का मूलमंत्र था, गाँधी जी के बाद ऐसा दूसरा व्यक्ति मालवीय जी जैसे मिलना दुर्लभ है, जिसने पूरा जीवन त्याग और बलिदान, दूसरों की भलाई के लिए किया, शिक्षा के क्षेत्र में 1916 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बनाना भारत के इतिहास में मील का पत्थर है, जहाँ लाखों लोगों ने शिक्षा प्राप्त कर देश, समाज के विकास में योगदान दिया, वह हिन्दू थे, लेकिन हिंदुत्व अहंकार, असहिष्णुता व नफ़रत के विरोधी रहे, वह समाज के हर वर्ग के साथ समता के हिमायती थे, सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना के समर्थक थे। आज हिंदुत्व के नाम पर समाज में नफ़रत फैलाकर भाईचारा बिगाड़ा जा रहा है, देश को कमजोर करने की साजिश है। देश में भय का वातावरण बनाया जा रहा है, धर्म के नाम पर धर्मान्धता फैलाई जा रही है, शासन और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है, यह चिन्ता का विषय है, हमें पण्डित मदन मोहन मालवीय जी के विचार, संस्कार से प्रेरणा लेकर समाज में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की भावना को प्रबल बनाना चाहिए जिससे देश, समाज और व्यक्ति को ताकत मिल सके।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता राम दुलार यादव ने कहा कि महात्मा गाँधी के आह्वान पर चल रहे असहयोग आन्दोलन  चौरी-चौरा में हिंसा के कारण 177 लोगों पर ब्रिटिश सरकार ने मुक़दमा चलाया, महामना ने कार्यकुशलता, वाक्पटुता और कानून की व्याख्या कर 156 स्वतंत्रता सेनानियों को मुकदमे से बरी करवा दिया। पत्रकारिता जगत में भी वह अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहे, वह अस्पृश्यता, अज्ञानता, धर्मान्धता, अन्धविश्वास और पाखण्ड को हिन्दू धर्म का कोढ़ मानते थे। शिक्षा के प्रचार-प्रसार से वह इस सामाजिक, सांस्कृतिक बुराइयों को दूर करने का प्रयास करते थे, आज बिद्धिजीवी वर्ग और सन्त-महात्मा धर्मसंसद में देश की बेरोजगारी, गरीबी, असमानता, पीड़ा और लाचारी पर कोई चर्चा नहीं करता, आम-जन को कैसे शिक्षा मिलेगी, उनको कैसे अच्छी चिकित्सा की व्यवस्था होगी, जागरुक वर्ग के एजेंडे से गायब है।




उ0प्र0 के माननीय मुख्यमन्त्री जी जन विश्वास यात्रा उ०प्र0 में कर गाजियाबाद आ रहे है मेरा मुख्यमन्त्री जी से सवाल है कि आप पर कैसे जनता विश्वास करे, आपने क्या गाजियाबाद में कोई विद्यालय, महाविद्यालय बनवाया या कोई जनता की चिकित्सा के लिए बड़ा अस्पताल बनवाया और जनता कैसे विश्वास करे हिन्डन नदी का पुल 5 साल के कार्यकाल में आप बनवा नहीं पाये, जनता उ०प्र0 सरकार के असहयोग पूर्ण कार्य को जो कोरोना काल में त्राहि-त्राहि करने पर मजबूर किया चाहे मजदूर भाई अपने बच्चों के साथ भीषण गर्मी में पैदल, पगडण्डी पर जा रहा था उसको कोई सहायता नही किया बल्कि उसका उत्पीडन किया गया, जनता दवाई, आक्सीजन, बेड, वेन्टीलेटर की कमी को भूल नहीं पायी है। अब वह आप पर भरोसा करना छोड़ दिया है क्योंकि जिनके परिजन दवाई और आक्सीजन की कमी से असमय जीवन से हाथ धो बैठे, वह और किसान, मजदूर, व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाला कोई अब आप और भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करने वाला नहीं है। गंगा नदी में लाशों का क्षत-विक्षत होना, लाशों का नदियों में तैरना अन्धविश्वास के लिए काफी है। 

कार्यक्रम को अंशु ठाकुर, बिन्दू राय ने भी सम्बोधित किया, सैकड़ों महिला, पुरुष ने  कार्यक्रम में भाग लिया प्रमुख रहे: राम दुलार यादव, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, सरदार अवतार सिंह काले, अवधेश यादव, अनीता सिंह, संजू शर्मा, धर्मवती, रेनूपुरी, बिन्दू राय, शबाना, रहीसुद्दीन, विजय भाटी, अंशु ठाकुर, रविंदर यादव, प्रेम चन्द पटेल, अंकित राय, सुरेश कुमार भारद्वाज, रवीन्द्र यादव, दयाल शर्मा, नीलू, उषा, विद्या, शशि कश्यप, राम करन, लक्ष्मी यादव, गुड्डू यादव, इन्जी० धीरेन्द्र यादव, दिलीप यादव, पप्पू सिंह, राम सिंह, हरिकृष्ण, हरिशंकर यादव, अखिलेश कुमार शुक्ला, राकेश गोस्वामी, अमर बहादुर, केदार सिंह, फौजुद्दीन, यासीन मुखिया, माजिद ठाकरान, आशु चौधरी, मनोज, सन्नो आदि।

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