नितिश डबराल, समीक्षा न्यूज नेटवर्क
जोशीमठ। नशा मुक्त उत्तराखंड करने के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारिज ईश्वरीय विश्व विद्यालय, जोशीमठ गढ़वाल ने "मेरा उत्तराखंड, व्यसन मुक्त उत्तराखंड" अभियान के द्वारा समस्त गढ़वाल के जोशीमठ क्षेत्र को जागरूक करने हेतु सरकार द्वारा जनहित में पारित Covid-19 के सभी निर्देशों का पालन करते हुए प्रोजेक्टर शो से आज हुई सेवााओं का पूरा व्योरा इस प्रकार से है।
जोशीमठ में 20/12/2021 को नशा मुक्ति जागरूकता की एक रिपोर्ट।
1. सरस्वती विद्या मंदिर, जोशीमठ में करीब 300 विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए।
2. स्वामी परवानंद विद्या मंदिर, जोशीमठ के 100 छात्रों और शिक्षकों को नशामुक्ति के प्रति जागरूक किया गया।
3. सिंध्धार मोहल्ला में 40 लोगों के लिए नशा मुक्ति कार्यक्रम।
विशेषज्ञ - बी. के. राजीव ने बताया कि राजयोग व्यक्ति के मन को सकारात्मक दिशा में ले जाने वाली एक विधि है। राजयोग तत्व दर्शन का सार यही है कि आप अपने मन बुद्धि एवं संस्कारों के स्वयं नियंता है राजयोग का केवल कुछ ही महीनों का अभ्यास व्यक्ति के मन को काफी अधिक नियंत्रित कर सकता है ऐसा व्यक्ति कभी भी बुरी आदतों का दास नहीं बन सकता, जिसको ब्रह्माकुमारीज द्वारा निशुल्क सिखलाया जाता है।
प्रिंसिपल महोदया ने बच्चों को नशीले पदार्थों के सेवन की कुप्रथा को बंद करने में अपनी अहम भूमिका के महत्व को पहचान कर उसे कार्यान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सुश्री कुमकुम जोशी जी, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (जोशीमठ) को नशा मुक्ति की गतिविधियों और रिसर्च पेपर्स से उनके ही कार्यालय में जोशीमठ में चल रही सेवाओं से अवगत कराया गया अतः उन्होंने व्यसनमुक्ति जागृति के इस नेक कार्य को युवा पीढ़ी के लिए वरदान बताया एवं ब्रह्माकुमारीज के इस अभियान को सफल होने की शुभकामनाएं दी एवं संपूर्ण गढ़वाल के युवाओं को नशे से बचाने में पूरा सहयोग देने का उत्साह दिखाया।
ब्रह्माकुमारीज की तरफ से इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में राजयोगिनी बी. के. अमनदीप कौर बहन, बी के. विनय, बी. के.नीतीश और बी. के. राधेश्याम ने सहयोग दिया।
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