JNU कुलपति की बढ़ सकती है मुश्किलें, लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भगवान शिव व अन्य देवी देवताओं पर की गई अपमानजनक टिप्पणी पर लोनी कोतवाली में रासुका के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए दी तहरीर, कहा करोड़ों शिवभक्तों की आस्था को पहुंचा है आघात, कट्टरपंथी देशों से फंडिंग लेकर हिंदूओं की एकता को खंडित करने का किया जा रहा प्रयास, हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
समीक्षा न्यूज संवाददाता
लोनी। जेएनयू वीसी द्वारा सोमवार को भगवान शिव व अन्य देवी देवताओं को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर मुशिकलें कम होती नजर नहीं आ रही है। बुधवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जेएनयू वीसी के खिलाफ भगवान शिव और अन्य देवी देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
जाति, ऊंच-नीच, गरीब-अमीर के बंधनों से अलग सर्वव्यापी है और सबके है भगवान-नंदकिशोर गुर्जर
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लोनी कोतवाली को दी गई तहरीर में लिखा है कि सोमवार को जेएनयू विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी के द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं को जातियों में बांटने का कुत्सित प्रयास किया गया। कुलपति द्वारा भगवान शिव को शुद्र बताते हुए भगवान जग्गनाथ को आदिवासी और हिन्दू देवियों को भी निम्न जाति से होना बताया है जबकि हिन्दू धर्म एवं शास्त्रों के अनुसार भगवान किसी जाति, ऊंच-नीच, गरीब-अमीर के बंधनों से अलग सर्वव्यापी है और सबके है। भगवान शिव तो आदि-अनादि काल से साकार और निराकार के रूप में है जिनकी सभी सनातनी किसी न किसी रूप में पूजा करते है। यहाँ तक की भगवान शिव तो पशु-पक्षियों के भी भगवान है जिन्हें पशुपतिनाथ भी कहा जाता है।
देश विरोधी ताकतों के इशारे पर हिन्दू एकता को तोड़ने की रची जा रही है साजिश, टिप्पणी से देशभर में है आक्रोश:
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने तहरीर में लिखा कि जेएनयू विश्वविद्यालय की कुलपति द्वारा दिया गया यह बयान कोई साधारण बयान नहीं है। बयान के द्वारा जिस प्रकार हिंदू देवी-देवताओं को जाति, वर्ण और भाषा में बांटने का प्रयास किया गया है वो घोर आपत्तिजनक है। यह हिन्दू धर्म की एकता को तोड़ने के लिए कट्टरपंथी मुस्लिम देशों से फंडिंग लेकर दिया गया बयान है। इसकी उच्चस्तरीय जांच अतिआवश्यक है। उक्त बयान से भगवान महादेव के मेरे जैसे करोड़ों भक्तों, साधु-संत समाज को गहरा आघात लगा है और आमजनमानस में इस बयान के बाद भारी आक्रोश है। जेएनयू विश्वविद्यालय में देश-विरोधी ताकतों से फंडिंग लेकर टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों द्वारा हिन्दू देवी-देवताओं, सनातन संस्कृति और मान्यताओं के बारे में अभद्र टिप्पणी करने की एक परिपाटी सी बन गई है जो बर्दाश्त योग्य नहीं है। इसलिए उपरोक्त गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए जेएनयू वीसी के खिलाफ तत्काल रासुका के तहत मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्यवाही करने का कष्ट जिससे भविष्य में कोई हिन्दू धर्म की आस्था से खिलवाड़ न कर सकें क्योंकि कट्टरपंथी मुल्कों से पैसा लेकर देश में दंगा कराने के लिए जगह-जगह हिन्दू धर्म के प्रतीकों और मान्यताओं पर देश विरोधी ताकतों के इशारे पर घोर आपत्तिजनक अनाप-शनाप टिप्पणी एक बड़े षड्यंत के तहत की जा रही है।
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