स्वातंत्र्य वीर सावरकर पर गोष्ठी संपन्न



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*क्रांतिकारियों के प्रेरणा  स्त्रोत रहे वीर सावरकर- आचार्य वीरेन्द्र विक्रम*

*भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना ही वीर सावरकर को श्रद्धांजलि -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य*

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "स्वातंत्र्य वीर सावरकर" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह करोना काल में 473 वां वेबिनार था।

वैदिक विद्वान् आचार्य वीरेन्द्र विक्रम ने कहा कि वीर सावरकर अनेक क्रांतिकारियों के प्रेरणा स्त्रोत रहे,उन्हें महर्षि दयानंद सरस्वती व श्याम जी कृष्ण वर्मा से प्रेरणा मिली तथा उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाया।वह भारतीय इतिहास के स्वर्ण अक्षर हैं जिन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।कुछ लोग उनकी निहित स्वार्थ वश आलोचना करते हैं उन्हें उनका त्याग तपस्या, समर्पण व बलिदान दिखाई नहीं देता जो देश के लिए न्योछावर हो गए।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वीर सावरकर ने हिन्दुत्व की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित किया उनका मानना था कि हिंदुओं का सैनिकिकरण समय की आवश्यकता है तथा जब तक भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं होता समस्याओं का हल नहीं हो सकता।उनका राष्ट्र के लिए अप्रतिम बलिदान स्वर्ण अक्षरों में लिखने योग्य है।वीर सावरकर से आज के युवाओं को प्रेरणा लेकर राष्ट्र के प्रति समर्पित होना चाहिए।

मुख्य अतिथि आर्य नेता हरीश भारद्वाज व अध्यक्ष आनन्द प्रकाश आर्य (हापुड़) ने वीर सावरकर के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि आज कुछ राजनेता वीर सावरकर की आलोचना कर रहे हैं वह अत्यन्त दुर्भाग्य है उन्हें राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।

राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि वीर सावरकर का जीवन चरित्र पाठ्य पुस्तकों में पढ़ाना चाहिए ऐसा महान देश भक्त योद्धा का मिलना विश्व इतिहास में मिलना मुश्किल है।

गायिका कौशल्या अरोड़ा,93 वर्षीय माता सुमित्रा गुप्ता,प्रतिभा कटारिया, जनक अरोड़ा,कमलेश चांदना,प्रवीणा ठक्कर, कमला हंस आदि के मधुर भजन हुए।

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