धनसिंह—समीक्षा न्यूज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज विधान सभा में राज्यपाल जी द्वारा समवेत सदनों में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही को लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसा करके ही हम संसदीय लोकतंत्र की गरिमा और गौरव को आगे बढ़ा सकते हैं। अभिभाषण में संवैधानिक प्रमुख सरकार की उपलब्धियों तथा भावी योजनाओं की चर्चा करते हैं। यह उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में होता है। यही संसदीय परम्परा है। राष्ट्रपति जी भी संसद के समवेत सदन को सम्बोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियों तथा भावी योजनाओं का चित्रण करती हैं। अभिभाषण शासन की उपलब्धियों तथा भावी योजनाओं का दिग्दर्शन होता है। आप हमारी बातों से सहमत या असहमत हो सकते हैं। इसके लिए सदन में चर्चा होती है।
मुख्यमंत्री जी ने नेता विरोधी दल तथा चर्चा में भाग लेने वाले सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने विगत 06 वर्षाें में जिन उपलब्धियों को हासिल किया है, उस पर सत्ता पक्ष, विपक्ष तथा सभी प्रदेशवासियों को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। आज डबल इंजन की सरकार डबल स्पीड के साथ सभी योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारते हुए प्रदेश की 25 करोड़ जनता को बिना भेदभाव के योजनाओं का लाभ दे रही है। पिछली सरकारों ने भी इन कार्याें की नींव रखने में कुछ न कुछ योगदान किया होगा। उन्हें भी इससे अपना नाम जोड़ लेना चाहिए। यह नहीं कहना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है, प्रदेश पिछड़ा और बीमारू है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में सबसे अच्छा युवा है। हमारे पास स्किल्ड मैन पावर है। विगत 06 वर्षाें में उत्तर प्रदेश के परसेप्शन में परिवर्तन आया है। सभी को यह स्वीकार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की अपार कृपा का राज्य है। आज उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 प्रतिशत राज्य में है, लेकिन इस भूमि से हम देश के 20 प्रतिशत खाद्यान्न का उत्पादन करते हैं। उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, मटर, आम, आंवला, दुग्ध उत्पादन तथा गन्ना उत्पादन मंे प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 01 करोड़ 74 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गये हैं। इसमें भी प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक्सप्रेस-वे, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना तथा प्रदेश के श्रमिकों/स्ट्रीट वेण्डर्स को भरण-पोषण भत्ता देने में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। राज्य में सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम की 96 लाख इकाइयां हैं। यह प्रदेश के औद्योगिक विकास की आधार शिला है। उत्तर प्रदेश देश में कृषि निवेशों पर कृषकों को देय अनुदान का डी0बी0टी0 के माध्यम से भुगतान करने वाला नम्बर एक राज्य है। उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक मेडिकल काॅलेज का निर्माण करने वाला राज्य है। यह ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल काॅलेज’ की दिशा में अग्रसर हुआ है। प्रदेश मंे सभी गरीबों के घर मंे शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर्वाधिक शौचालय बनाये गये हैं। उत्तर प्रदेश मानव-वन्य जीव संघर्ष को आपदा घोषित करने तथा कौशल विकास नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। उत्तर प्रदेश गवर्नमेन्ट ई-मार्केट से प्रोक्योरमेन्ट करने वाला प्रथम राज्य है। यह गवर्नमेन्ट ई-मार्केट से सबसे अधिक प्रोक्योरमेन्ट करने वाला राज्य भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 52 लाख 77 हजार गरीबों को बिना भेदभाव के एक-एक आवास उपलब्ध कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। ई-प्राॅजीक्यूशन प्रणाली के प्रयोग में भी राज्य देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में प्रधानमंत्री जनधन योजना के 08 करोड़ 51 लाख खाता धारक हंै। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत गांवों मंे जिसका घर जहां पर है, वहीं उसको मालिकाना अधिकार देने के लिए 50 लाख 37 हजार गरीबों को घरौनी उपलब्ध करायी जा चुकी है। यह लोग सभी जातियों तथा मजहब के हैं। यही ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टीम यू0पी0 एक साथ मिलकर काम कर रही है। मैंने कभी नहीं कहा कि यह मैंने किया है। यह टीम वर्क है। टीम वर्क का एक उदाहरण यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में देखने को मिला। हमारे मंत्री समूह दुनिया के 16 देशों के 21 शहरों तथा देश के 08 शहरों में रोड शो करने गये थे। हमारे सभी सांसदों तथा विधायकों ने अपने-अपने जनपदों में रोड शो कर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में निवेश का भारी भरकम प्रस्ताव आया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन लोगों ने जाति, मत, मजहब तथा तमाम वायदों के आधार पर समाज को बांटा था, उन्होंने प्रदेश का परसेप्शन खराब किया था। कल जनपद प्रयागराज में हुई घटना अत्यन्त दुःखद है। इस घटना का जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। पेशेवर अपराधियों एवं माफियाओं के खिलाफ प्रदेश सरकार की कार्यवाही देश, दुनिया में नजीर बनी है। माफिया कोई भी हो, सभी माफियाओं के खिलाफ सरकार की जीरो टाॅलरेंस की नीति है। सरकार माफियाओं को मिट्टी में मिलाने तथा उनसे पूरी मजबूती के साथ निपटने का कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता की पंक्तियों ‘चोरों के जो हैं हित, ठगों के बल हैं, जिनके प्रताप से पलते पाप सकल हैं, जो छल प्रपंच सबको प्रश्रय देते हैं, या चाटुकार जन से सेवा लेते हैं, यह पाप उन्हीं का है’, का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के सामने पहचान का संकट इन्हीं पेशेवर माफियाओं तथा अपराधियों के कारण हुआ। ये सत्ता के द्वारा पोषित होते थे। इन्हें महिमामण्डित करके ये लोग अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते थे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवैधानिक प्रमुख तथा मातृ शक्ति की प्रतीक होने के नाते राज्यपाल जी के अभिभाषण का सम्मान होना चाहिए था। लेकिन उनका विरोध किया गया। गो बैक के नारे लगाये गये। सहमति, असहमति के लिए सदन है, अपनी बात रखने के लिए विपक्ष को मौका मिलता ही, लेकिन अशिष्ट और अमर्यादित आचरण यह सदन की गरिमा को तार-तार करता है। मातृ शक्ति की प्रतीक एक महिला राज्यपाल द्वारा सदन को सम्बोधित किया जाना, हमारे लिए गौरव की बात होनी चाहिए। उस समय नारे लगाकर सदन की कार्रवाई को बाधित करना, किस प्रकार का संसदीय आचरण है। जो लोग एक महिला राज्यपाल तथा उत्तर प्रदेश की संवैधानिक प्रमुख का सम्मान नहीं कर सकते, उनसे प्रदेश की आधी आबादी के सम्मान की उम्मीद करना व्यर्थ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ईज आॅफ लिविंग, सबका साथ, सबका विकास, हर जरूरतमन्द तथा गरीब के लिए शौचालय, आवास, विद्युत कनेक्शन तथा बिना भेदभाव के रोजगार की उपलब्धता की बात करती है और वे लोग जाति की बात करते हैं। हम अन्नदाता किसानों के खेत में पानी पहुंचाने, किसान की उपज को दोगुना दाम दिलाने, ईज आॅफ डुइंग बिजनेस के माध्यम से उत्तर प्रदेश का औद्योगीकरण करने, परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने की बात करते हैं, ये लोग जाति की बात करते हैं। उत्तर प्रदेश को जहां से निकालकर आगे बढ़ाने का प्रयास हुआ है, ये लोग उसे फिर पीछे ढकेलने का कार्य करते हैं। उनके समय में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग तथा पुलिस भर्तियों सहित सभी भर्तियों में क्या होता था, यह किसी से छिपा नहीं है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक भर्ती का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस समय 86 एस0डी0एम0 में से 56 एक ही जाति विशेष के थे। यही इनका सामाजिक न्याय है। उस समय युवाओं के साथ भेदभाव होता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में पाॅलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा माध्यम जनता का जनादेश तथा देश व दुनिया का विश्वास है। लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को प्राप्त हुए हैं। यह पाॅलिटिकल क्रेडिबिलिटी का सबसे अच्छा उदाहरण हो सकता है। आप इस पर प्रश्न खड़ा करते हैं। निवेशकों के यू0पी0 पर विश्वास पर प्रश्न खड़ा करते हैं। आप अपने समय में कुछ नहीं कर पाये। उस समय इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर कोई भी उद्यमी यू0पी0 में नहीं आना चाहता था। श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता ‘मूल जानना बड़ा कठिन है, नदियों का, वीरों का, धनुष छोड़कर और गोत्र क्या, होता रणधीरों का, पातें हैं सम्मान तपोबल से भूतल पर शूर, जाति-जाति का शोर मचाते केवल कायर क्रूर’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों पर गौरव नहीं होता। अवसर मिलने पर यह लोग नया महाभारत रचाने का कार्य उत्तर प्रदेश में कर देते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदेश के 52 लाख 77 हजार गरीबों को मिला है। यह सूची वर्ष 2011-12 की बनी है। इसी के अनुसार यह आवास मिल रहे हैं। इस सूची से वंचित हुए गरीब लोगों के लिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना चलायी है। मुसहर, वनटांगिया, कोल, सहरिया, थारू, चेरू तथा जनपद बिजनौर की बुक्सा जनजाति को भी इससे जोड़ा जा रहा है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में भूख से मौतें होती थीं। पहले कोई महामारी आती थी, तो उसके साथ एक-दूसरी महामारी के रूप में भूख से मृत्यु भी चलती थी। सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 के दौरान देश व दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर उत्तर प्रदेश में रही। कोई भी व्यक्ति भूख से नहीं मरा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर 31 अक्टूबर की तिथि को लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की पावन जयन्ती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। केवड़िया, गुजरात जहां सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित हुई है, सहित सभी जनपदों में भारत की एकता के शिल्पी को सम्मान देने का कार्य हो रहा था। एक विचारक ने कहा है कि शक्ति देना तो आसान है, लेकिन बुद्धि देना बहुत कठिन है। विरासत में सत्ता तो मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं मिल सकती।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमने खेल में अच्छा करने वाले नौजवानों के लिए नौकरी के द्वार खोले हैं। हमने श्री ललित उपाध्याय को ओलम्पिक में मेडल जीतने पर डी0एस0पी0 बनाया है। पूर्व की सरकारों में जगह-जगह खेल होते थे। लैपटाॅप घोटाला का खेल, खाद्यान्न घोटाला, गोमती रिवर फ्रण्ट घोटाले के खेल हुए। कैग की रिपोर्ट में पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 97 हजार करोड़ रुपये घोटाले का उल्लेख किया गया है। प्रदेश में भर्ती घोटाला, चयन आयोगों पर हाईकोर्ट की टिप्पणी, मुजफ्फरनगर के दंगे, वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी के जनपद में एक पत्रकार श्री जोगेन्द्र सिंह को जिन्दा जला देना, बुन्देलखण्ड क्राइसिस, भूमाफिया, आतंकियों पर लगे मुकदमों को वापस लेने के खेल प्रदेश में चल रहे थे। मैं एक सामान्य व्यक्ति हूं और सभी के साथ सद्भावना से पेश आता हूं। सभी के साथ सम्मानजनक व्यवहार करता हूं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मध्यकाल में तुलसीदास जी को अकबर ने बुलाया था। तुलसीदास जी ने उनसे कहा था-हम चाकर रघुवीर के, पटौ लिखौ दरबार, अब तुलसी का होहिंगे नर के मनसबदार।। उन्होंने कहा था कि हमारा तो एक ही राजा है वह ‘राम’ हैं, मैं ‘राम’ के अलावा किसी को राजा नहीं मानता। समाज को एकजुट करने के लिए आज रामलीलाओं का प्रचलन संत तुलसीदास जी की देन है। तुलसीदास जी ने उस समय कहा था ‘बोलो रामचन्द्र जी की जय’। माॅरिशस में प्रवासी भारतीयों ने अपनी विरासत के प्रतीक के रूप में श्रीरामचरितमानस का गुटका रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस अवधी में रची गयी है। अवधी का एक वाक्य है ‘भया एतनी देर से केका ताड़त अहा’। इसमें ताड़त का मतलब मारने से नहीं, बल्कि देखने से है। तुलसीदास जी का जन्म बुन्देलखण्ड में चित्रकूट जनपद के राजापुर गांव में हुआ था। बुन्देलखण्डी का एक वाक्य है ‘भया मोरे लड़कन को ताड़े राख्यो’ यानी इसकी देखभाल करते रहो इसका संरक्षण दो। श्रीरामचरितमानस जैसे पावन ग्रन्थ का अनादर करने का प्रयास किया जा रहा है। सुन्दर काण्ड में एक प्रसंग है जब श्रीराम तीन दिन तक समुद्र से लंका में जाने का रास्ता मांगते हैं और रास्ता नहीं मिलता तब उन्होंने कहा था कि ‘भय बिनु होय न प्रीत’, और समुद्र को चेतावनी देने की कार्रवाई करते हैं, तब समुद्र भगवान श्रीराम से कहता है कि ‘प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं, मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं, ढोल गंवार सूद्र पसु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी। यहां सिख का तात्पर्य शिक्षा से है। ढोल एक वाद्य यंत्र है, गंवार से मतलब अशिक्षित से है, सूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है किसी जाति विशेष से नहीं। नारी से मतलब मातृ सत्ता से है। मध्यकाल में जब श्रीरामचरितमानस की रचना हुई थी। उस समय महिलाओं की स्थिति क्या थी यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। बाल विवाह जैसी विकृतियां भी उस समय पनपी थीं। उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, गंगा-यमुना तथा संगम की धरती है। उत्तर प्रदेश की धरती पर श्रीरामचरितमानस व वाल्मीकि रामायण जैसे ग्रन्थ रचे गये। इस पर हमें गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी 1537 स्थानों तथा जी0आर0पी0 के थानों को मिलाकर कुल 1584 थानों में महिला हेल्पडेस्क की स्थापना की गयी है। प्रत्येक जनपद में एक अतिरिक्त महिला थाने के साथ महिला परामर्श चैकी की स्थापना हो चुकी है। प्रदेश के सभी 1537 थानों में 10,417 महिला बीट गठित की गयी है। इसके साथ ही, प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों, जिनमें ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण हो चुका है, वहां पर एक मिशन शक्ति कक्ष का निर्माण भी किया जा चुका है। वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या मात्र 13 हजार थी। आज वह संख्या 32 हजार से अधिक है। महिला व बाल अपराधों में प्रभावी अभियोजन के फलस्वरूप अब तक 35 अपराधियों को मृत्यु दण्ड, 1200 से अधिक अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक, 1445 से अधिक अपराधियों को व्यापक अर्थदण्ड, 1325 अपराधियों को आजीवन कारावास तथा 3420 अपराधियों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलायी गयी है। महिला अपराध में संलग्न लगभग 5 हजार अपराधियों के लिए जिलाबदर की कार्रवाई की गयी है। उत्तर प्रदेश पाॅक्सो एवं महिला सम्बन्धी अपराधों में ई-प्राॅजीक्यूशन में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के समन्वय से आज सभी नगर निगमों को सेफ सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन के गठन की कार्रवाई युद्धस्तर पर चल रही है। प्रदेश में 07 पुलिस कमिश्नरेट का गठन भी इस दौरान हुआ है। 1,53,728 पुलिस कर्मियों की भर्ती सकुशल सम्पन्न हुई। प्रदेश में 244 थाने, 133 चैकियां, एण्टी थेफ्ट थाने, 40 एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाने तथा 74 जनपदों में 79 महिला पुलिस थानों व परामर्श चैकियों की स्थापना की गयी है। हर रेंज में साइबर क्राइम थाने की स्थापना हुई है। लखनऊ में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फाॅरेंसिक साइंसेज की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। इसी सत्र में यहां पाठ्यक्रम शुरु करने जा रहे हैं। एण्टी भूमाफिया टास्क फोर्स ने अब तक 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त करायी है। एन0सी0आर0बी0 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में आज वर्ष 2016 के सापेक्ष डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत, हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, अपहरण में 43.18 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराधों में 21.75 प्रतिशत की कमी आयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परम्परागत उद्यम उत्तर प्रदेश की पहचान है। हमारी सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। इसने प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय को बढ़ाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण यह दम तोड़ रहा था तथा उद्योग बन्दी के कगार पर चले गये थे। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना (ओ0डी0ओ0पी0) की शुरुआत की गयी। आज प्रदेश के सभी 75 जनपदों का एक यूनिक प्रोडक्ट है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने प्रदेश के निर्यात को दोगुने से अधिक किया है। भदोही से आज 4 से 5 हजार करोड़ रुपये का कारपेट एक्सपोर्ट किया जा रहा है। मुरादाबाद के ब्रास उद्योग से 14 से 15 हजार करोड़ रुपये के निर्यात हो रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बन रहा है। प्रदेश की इसी उपलब्धि के दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2018 में राज्य को डिफेंस काॅरिडोर भी दिया है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल तथा झांसी में भारत डायनामिक्स यूनिट लग रही है। कानपुर में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग काॅरिडोर में अच्छा निवेश आ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय बन्दी के कगार पर थे। विगत 06 वर्षाें में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की स्थिति में बहुत सुधार आया है। आॅपरेशन कायाकल्प के माध्यम से हमारे सभी सदस्यों ने रुचि लेकर एक-एक परिषदीय विद्यालय को गोद लिया और इन विद्यालयों के नवीनीकरण, पेयजल, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी के लिए सहयोग किया। आज 01 लाख 30 हजार से अधिक परिषदीय विद्यालय दर्शनीय हो गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद में बच्चों की संख्या 01 करोड़ 34 लाख बच्चों से बढ़कर 01 करोड़ 91 लाख से अधिक हो गयी है। इस संख्या को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल बैग, बुक्स, यूनीफाॅर्म, स्वेटर, जूता-मोजा उपलब्ध करा रही है। इसके लिए डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि अन्तरित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ नकलविहीन परीक्षाएं हो रही हैं। 01 लाख 64 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय बनाये जा रहे हैं। कुछ नये विश्वविद्यालय की घोषणा बजट में की गयी है। नैक रैंकिंग में लखनऊ एवं गोरखपुर विश्वविद्यालयों को ‘ए$$’ की श्रेणी प्राप्त हुई है। के0जी0एम0यू0 को ‘ए$’ श्रेणी प्राप्त हुई है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर को ‘ए’ श्रेणी प्राप्त हुई है। देश में पहली बार किसी कृषि विश्वविद्यालय को नैक रैंकिंग प्राप्त हुई है और यह श्रेय प्रदेश के कानपुर कृषि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में एमिटी विश्वविद्यालय को ‘ए’ श्रेणी तथा शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय व जी0एल0ए0 विश्वविद्यालय को ‘ए$’ श्रेणी प्राप्त हुई है। प्रदेश में प्रथम बार 11 विश्वविद्यालयों द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग की तैयारी कर अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। 04 विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय रैंकिंग हेतु क्यू0आई0एस0 रैंकिंग मंे भाग ले रहे हैं। यह उत्तर प्रदेश की प्रगति की तस्वीर है। इसीलिए तो कहते हैं ‘यू0पी0 में बाबा-बा’।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज आॅफ लिविंग में आज उत्तर प्रदेश देश में नम्बर-वन है। आज गरीब कल्याण एवं हर व्यक्ति के विकास के बारे में सोचा जा रहा है। प्रदेश में योजनाएं तीव्र गति से आगे बढ़ रही हैं। ईज आॅफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 14वें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल काॅलेज’ का कार्य प्रदेश में प्रगति पर है। वर्ष 1947 से 2016 तक प्रदेश में कुल 12 राजकीय मेडिकल काॅलेज बन पाये थे। आज प्रदेश के 16 जनपदों को छोड़ दें तो शेष सभी जनपदों में एक मेडिकल काॅलेज की स्थापना हो चुकी है। 16 जनपदों में मेडिकल काॅलेज के लिए प्रदेश सरकार युद्धस्तर पर कार्याें को आगे बढ़ा रही है। कुछ में गवर्नमेंट मेडिकल काॅलेज बनवाएगी। कुछ जनपदों में पी0पी0पी0 मोड पर मेडिकल काॅलेज बनेंगे। अच्छी हेल्थ सुविधा लोगों को मिलनी ही चाहिए। गोरखपुर और रायबरेली एम्स आज क्रियाशील हो चुके हैं। हमारे पुराने 06 मेडिकल काॅलेजों-गोरखपुर, मेरठ, प्रयागराज, झांसी, कानपुर व आगरा में प्रधानमंत्री जी ने सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक की व्यवस्था की है। यह सभी क्रियाशील हैं। कोरोना काल खण्ड में इन अस्पतालों ने बहुत अच्छा कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला अस्पतालों की स्ट्रेंथनिंग का कार्य हो रहा है। वर्ष 2017 से पूर्व 36 जनपद ऐसे थे, जहां आई0सी0यू0 व वेण्टीलेटर की सुविधा नहीं थी। आज सभी जनपदों में आई0सी0यू0 की सुविधा है। अस्पतालों को हर प्रकार की सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है। मैनपावर उपलब्ध करायी जा रही है। टेली कंसल्टेंसी की सुविधा देने की कार्यवाही को प्रदेश सरकार आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है। 36 लाख 82 हजार से अधिक बच्चों तथा 10 लाख 31 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार वर्ष 2016 से 2019-20 के दौरान प्रदेश में मातृ मृत्युदर 197 से घटकर 167 हुई। शिशु मृत्युदर 30 से घटकर 28 हुई। संस्थागत प्रसव 67 प्रतिशत से बढ़कर 84 प्रतिशत से अधिक हुए। प्रदेश की सकल प्रजनन दर 2.7 प्रतिशत से घटकर 2.4 प्रतिशत हुई। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हुआ है और लोगों में सकारात्मकता बढ़ी है। गोरखपुर समेत प्रदेश के 38 जनपद इन्सेफेलाइटिस नामक बीमारी से प्रभावित थे। विगत 40 वर्षाें में लगभग 50 हजार बच्चे इस बीमारी की चपेट में आये और काल कवलित हुए। आज डबल इंजन की सरकार ने 96 प्रतिशत मौतों को नियंत्रित किया है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अमृतकाल के प्रथम वर्ष में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारत जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। यह हम सभी भारतवासियों के लिए गर्व की बात है। जी-20 समूह के देश, दुनिया की 65 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। 75 प्रतिशत ट्रेड पर इस संगठन का अधिकार है। यह संगठन विश्व के 85 प्रतिशत जी0डी0पी0 और 90 प्रतिशत पेटेंट तथा इनोवेशन पर अधिकार रखता है।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में जी-20 समिट से सम्बन्धित 11 बैठकें होने जा रही हैं। 02 बैठकेें आगरा व लखनऊ में सम्पन्न हो चुकी हैं। आगरा व लखनऊ में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से सभी डेलिगेट्स प्रसन्न व अभिभूत हुए। उत्तर प्रदेश व देश ने कोरोना जैसी महामारी के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया है। भारत किस प्रकार आगे बढ़ रहा है, यह सभी डेलिगेट्स ने अनुभव किया है। प्रदेश व देश की सामथ्र्य के सम्बन्ध में डेलिगेट्स अच्छा संदेश लेकर गये।
लखनऊ में जी-20 के कार्यक्रम में जी-20 संगठन के देशों के प्रतिनिधि, 09 मित्र देशों के प्रतिनिधि, 07 वैश्विक संगठनों के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि आये थे, जो यहां से अभिभूत होकर गये। सभी ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को देखा और प्रदेश की विकास यात्रा को सराहा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित निवेश कुम्भ में 10 पार्टनर कन्ट्री-नीदरलैण्ड, डेनमाॅर्क, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, इटली, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाईटेड किंगडम व माॅरीशस शामिल हुए। इसके अलावा, 40 देशों ने इस निवेश कुम्भ में सहभागिता की। यह निवेश तो प्रदेश के लिए हो रहा है। सत्ताधारी दल व उसके सहयोगी दलों के लिए तो नहीं, हो रहा? अच्छा होता कि विपक्ष के साथी भी प्रदेश के विकास में सहभागी बनते। विपक्ष के पास तो विकास का एजेण्डा ही नहीं है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम राष्ट्रपति जी व प्रधानमंत्री जी के आभारी हैं, जिन्होंने यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को अपना मार्गदर्शन प्रदान किया। इस समिट में 17 केन्द्रीय मंत्री, 05 राजदूत, 04 देशों के मंत्री और 25 हजार से अधिक डेलिगेट्स जुड़े और इसे एक नयी ऊँचाई तक पहुंचाने का कार्य किया। इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रदेश को प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सुरक्षा का माहौल दिया। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य किया। सेक्टोरल पाॅलिसीज बनायीं। उत्तर प्रदेश ने पर्सेप्शन का मैसेज दिया। प्रदेश के विकास और अपनी विकास की प्रतिबद्धता से दुनिया को अवगत कराया। देश व दुनिया के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में सभी चीजें जमीन पर दिखायी दीं। निवेशकों को परिवर्तन देखने को मिला। आज निवेशकों को उत्तर प्रदेश के बारे में धारणा बदल चुकी है। वह निःसंकोच भाव से प्रदेश में निवेश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज प्रदेश के रूप में जाना जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र को जोड़ रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ रहा है। वाराणसी से हल्दिया के मध्य देश का प्रथम राष्ट्रीय जलमार्ग प्रदेश को पूर्वी बन्दरगाह के साथ जोड़ता है। प्रदेश में रेल नेटवर्क बेहतरीन हैं। राज्य में 16 हजार कि0मी0 का रेल नेटवर्क है। ईस्टर्न एण्ड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर उत्तर प्रदेश से होकर जाते हैं। इनका जंक्शन भी उत्तर प्रदेश में है, जिसे प्रदेश सरकार लाॅजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित कर रही है। प्रदेश की इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी 04-लेन की हुई है। दिल्ली से मेरठ की यात्रा करने में पहले 03 से 04 घण्टे लगते थे। आज 12-लेन के हाई-वे के बन जाने से मात्र 45 मिनट में पूरी की जा रही है। सभी जिला मुख्यालयों को 04-लेन से जोड़ा जा रहा है। बेहतरीन सड़कों का निर्माण हो रहा है। ब्रिज, फ्लाई ओवर का निर्माण युद्धस्तर पर कराया जा रहा है।
प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। राज्य सरकार ने आजमगढ़ वासियों को एयरपोर्ट की सौगात दी है। आजमगढ़ को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जा चुका है। महाराजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़ में विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। चित्रकूट व सोनभद्र एयर कनेक्टिविटी के साथ जुड़ रहे हैं। ललितपुर में एयर कनेक्टिविटी की तैयारी की जा रही है। अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर में एयरपोर्ट के विकास का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने मेरठ में एयरपोर्ट के लिए भी एन0ओ0सी0 मांगी है। अगले एक से डेढ़ वर्षाें में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स संचालित होंगे और डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स को मिलाकर कुल 21 एयरपोर्ट्स उत्तर प्रदेश में होंगे। वर्ष 2017 के पहले लखनऊ व वाराणसी एयरपोर्ट ही पूरी तरह क्रियाशील थे। आज प्रदेश में 09 एयरपोटर््स पूरी तरह संचालित हैं, जिनसे 80 गंतव्यों तक पहुंचा जा सकता है।
डबल इंजन की सरकार का लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है। प्रदेश में निवेशकों को बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ प्राप्त हुआ है। निवेशकों को महसूस हो रहा है कि उत्तर प्रदेश में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर है। पर्याप्त लैण्डबैंक है। प्रदेश सरकार ने तकनीक को अपनाते हुए सिंगल विण्डो सिस्टम ‘निवेश मित्र’ पोर्टल, एम0ओ0यू0 के लिए ‘निवेश सारथी’ पोर्टल तथा आॅनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आज हर व्यक्ति उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहता है। उत्तर प्रदेश निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश देश के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ रहा है। यह हर उत्तर प्रदेशवासी के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से अपने हस्तशिल्पियों व कारीगरों को स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों व कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ मानदेय प्रदान कर रही है। उन्हें टूलकिट प्रदान कर रही है। बैंक ऋण में सब्सिडी प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना’ के माध्यम से 83 हजार से अधिक हस्तशिल्पियों व कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ उन्हें टूलकिट भी उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, 01 लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षण, टूलकिट प्रदान करने व बैंकों से जोड़ने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत 01 लाख 37 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा है। प्रदेश के अन्दर कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 04 लाख 88 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ने तथा सेवायोजित करने का कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 17,559 इकाइयों में 01 लाख 96 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। प्रदेश के सभी कामगार व श्रमिक को 02 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी प्रदान करने व 05 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का कवर प्रदान किया जा रहा है। वह कामगारों/श्रमिकों चाहे प्रदेश में हो या प्रदेश से बाहर, उसे इन सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
राज्य में सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी के लिए दिव्यांगजन भरण-पोषण अभियान के अन्तर्गत 11 लाख से अधिक दिव्यांगों को एक हजार रुपये मासिक पेंशन प्राप्त हो रही है। पहले यह पेंशन मात्र 300 रुपये मिलती थी। 3000 रुपये मासिक कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है। निराश्रित महिला पेंशन योजना में वर्ष 2016 तक यह संख्या मात्र 17 लाख 31 हजार थी। आज निराश्रित महिला पेंशन योजना में 15 लाख 31 हजार नये लाभार्थी जोड़े गये हैं। अब 32 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं को 12 हजार रुपये सालाना पेंशन की सुविधा सरकार उपलब्ध करा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पेंशन में हमारी सरकार ने 5 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी की है। राज्य की विद्युत व्यवस्था में सुधार हुआ है। प्रदेश सरकार इस दिशा में और भी सार्थक प्रयास कर रही है। अब बिना भेदभाव के सभी जनपदों को सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है।
प्रदेश में कृषि विकास दर बढ़ी है। उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं का प्रदेश है। राज्य में सभी संसाधन उपलब्ध हैं, सभी लोग मिलकर प्रयास करें, तो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनने से कोई भी नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दिसम्बर, 2018 में प्रारम्भ हुई। अब तक उत्तर प्रदेश के 02 करोड़ 60 लाख किसानों के खातों में 51,640 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की जा चुकी है। वर्ष 2023 अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष है। प्रधानमंत्री जी ने मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के लिए ’श्री अन्न’ नाम दिया है। राज्य सरकार ने मोटे अनाज के विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की है। इसके लिए कृषि विभाग एक कार्यक्रम के रूप में इस कार्य को आगे बढ़ाने जा रहा है।
देश व प्रदेश में कैंसर, किडनी फेल्योर, हार्ट अटैक जैसी गम्भीर बीमारियां बढ़ रही हैं। इसका एक कारण कृषि कार्याें में अधिक मात्रा में केमिकल फर्टिलाइजर का प्रयोग है। इन रोगों से आने वाली पीढ़ी को बचाना है, तो हमें विषमुक्त खेती की ओर आगे बढ़ना होगा। देश के एक राज्य ने हरित क्रान्ति में बड़ा योगदान दिया था। उस राज्य में एक ट्रेन कैंसर ट्रेन के रूप में चल रही है। प्रधानमंत्री जी की अनुकम्पा से वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में महामना मदन मोहन मालवीय जी के नाम पर एक कैंसर संस्थान टाटा ट्रस्ट के माध्यम से बना है। विगत 04 वर्षाें में इस संस्थान में 21 हजार से अधिक रोगी इलाज के लिए आये और उनका उपचार हुआ।
वर्तमान और भावी पीढ़ी को इन बीमारियों से बचाना है, तो गो-आधारित प्राकृतिक खेती इसका एक मात्र आधार है। इससे गाय भी बचेगी और आस्था का सम्मान भी होगा। विषमुक्त खेती के माध्यम से अन्नदाता किसानों को हम ज्यादा दाम भी दे पाएंगे। प्रदेश सरकार इसके लिए कदम बढ़ा चुकी है। राज्य सरकार ने तय किया है कि गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में व बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गो-आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। वहां के किसानों को प्रदेश सरकार सपोर्ट कर रही है। प्राकृतिक खेती के लिए हम सब्सिडी भी देंगे। गो-आधारित प्राकृतिक खेती के लिए अब तक 1,714 क्लस्टर बनाये जा चुके हैं।
हमने गाय को मां का सम्बोधन दिया है, तो हम सम्मान भी करेंगे। गोवंश को बचाने के लिए हमारी सरकार ने 03 योजनाएं बनायी हैं। निराश्रित गोआश्रय स्थलों का निर्माण, जहां 10 लाख से अधिक गोवंश सुरक्षित हैं। कोई भी अन्नदाता किसान अपने घर में निराश्रित गोआश्रय स्थल से 04 गोवंश लेकर देखभाल करता है, तो प्रदेश सरकार प्रति गोवंश 900 रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है। इस योजना से अब तक लगभग डेढ़ लाख किसान जुड़ चुके हैं। कुपोषित परिवार को निराश्रित गो आश्रय स्थल से एक दुधारु गाय प्रदान की जा रही है, ताकि परिवार कुपोषण से दूर रहे। परिवार को 900 रुपये प्रतिमाह दिये जा रहे हैं। नस्ल सुधार एवं संवर्धन की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। डेयरी क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के अनेक कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्नदाता किसानों के सिंचाई के विद्युत बिल को आधा किया था। अगले 4 से 5 वर्षाें में इस बिल को हम निःशुल्क करने जा रहे हैं, ताकि हमारे अन्नदाता किसान निःशुल्क सिंचाई कर सकें। 20 हजार करोड़ रुपये के कृषि फण्ड के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि बाण सागर सिंचाई परियोजना, अर्जुन सागर सिंचाई परियोजना, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना जैसी 20 से अधिक छोटी-बड़ी परियोजनाओं को प्रदेश सरकार ने इसी फण्ड का उपयोग करते हुए पूरा किया है। इससे प्रदेश में 22 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 में शहजाद बांध स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा, कजनौला बांध व लखेरी बांध को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य बिचैलियों के माध्यम से राज्य में 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी, जिसके एवज में बिचैलियों को 12,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। किसान के खाते में यह भुगतान नहीं किया गया। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 के मध्य राज्य सरकार ने 219.12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की और 40,159 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे किसान के खातों में किया गया।
वर्ष 2012 से 2017 के बीच में पूर्ववर्ती सरकार में बिचैलियों के माध्यम से 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी और 17,190 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। स्वाभाविक रूप से यह खरीद किसानों से सीधे नहीं की गयी, तो पैसा भी किसानों को नहीं दिया गया। इसके सापेक्ष वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2021-22 की अवधि में प्रदेश सरकार ने राज्य में 280.09 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय किया और 50,420 लाख करोड़ रुपये का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से हर अन्नदाता किसान के खाते में किया गया। 17,190 करोड़ रुपये और 50,420 करोड़ रुपये में अन्तर साफ है। वर्ष 2022-23 में 64.64 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय किया गया, जिसके एवज में अब तक 13,192 करोड़ रुपये का भुगतान अन्नदाता किसानों के खातों में किया जा चुका है। इस कार्य में कोई भी बिचैलिया नहीं है।
आज प्रदेश में हमारी सरकार के कार्यकाल में रमाला चीनी मिल का पुनरुद्धार हुआ है। मुण्डेरवा व पिपराइच नयी चीनी मिलें शुरु हुई हैं। साथ ही, अनेक चीनी मिलों को पुनरुद्धार किया गया है। प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को अब तक 01 लाख 98 हजार 434 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल से तुलना करें तो यह धनराशि 01 लाख 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। वर्तमान में प्रदेश में गन्ना किसानों को 5,800 करोड़ रुपये बकाया हैं। राज्य में 117 चीनी मिलें चल रही हैं। 100 से अधिक चीनी मिलों द्वारा 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। ऐसा कभी नहीं हुआ। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में चीनी मिलें बन्द होती थीं। राज्य सरकार ने कोरोना काल खण्ड में भी चीनी मिलें चलायीं। राज्य सरकार की स्पष्ट नीति है कि जब तक गन्ना किसानों के खेत में गन्ना होगा, तब तक चीनी मिलें चलेंगी।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पहले पीने के पानी का संकट रहता था। पहले टैंकर से पानी जाता था। केन्द्र सरकार ने बड़े-बड़े टैंकर उपलब्ध करवाये लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने पानी देने से इनकार कर दिया था। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों को जल की भूमि के लिए तरसाया था। आज हमारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र हर घर नल योजना से आच्छादित हो रहा है। अब तक 82 से 85 लाख लोगों को हर घर नल योजना का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। इस वर्ष के बजट में इस कार्य के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता में से हर गरीब को आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 05 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर का लाभ प्रदान करने के लिए कार्य किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना में सम्मिलित न हो पाए लोगों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से कवर किया जा रहा है।
प्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। प्रदेश के 10 बड़े शहरों को केन्द्र सरकार तथा शेष 07 शहरों को राज्य सरकार अपने स्तर पर स्मार्ट सिटी के रूप में आगे बढ़ा रही है। अमृत योजना के अन्तर्गत 60 शहरों में बुनियादी जनसुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में 100 ब्लाॅक जो पिछड़े हुए थे उन्हें आकांक्षी विकास खण्ड के रूप में आगे बढ़ाने की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा की जा रही है।
केन्द्र सरकार 20 कृषि विज्ञान केन्द्र पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश को देना चाहती थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने लेने से इनकार कर दिया। आज वर्तमान राज्य सरकार इन कृषि विज्ञान केन्द्रों को विकसित कर रही है। केन्द्र सरकार की सहायता से कृषि विज्ञान केन्द्रों को संचालित किया जाता है। आज प्रदेश में 89 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं। इनके माध्यम से किसानों को अच्छी तकनीक की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रदेश सरकार ने तय किया है कि एक फैमिली आई0डी0 कार्ड जारी किया जाए, जिससे यह पता चलेगा कि किसे कौन सी योजना का लाभ मिल रहा है और किसे नहीं मिल रहा है। जो गरीब, पिछड़ा योजनाओं से वंचित हैं, उन्हें योजनाओं से जोड़ा जाएगा। जल्द ही प्रदेश सरकार फैमिली आई0डी0 कार्ड को लाने वाली है।
जनपद सीतापुर के नैमिषारण्य के गौरव को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार वहां वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना करने जा रही है। राज्य सरकार ने कृषक दुर्घटना बीमा के दायरे को बढ़ाया है। राज्य सरकार ने उज्ज्वला योजना के 01 करोड़ 74 लाख लाभार्थियों को होली व दीपावली के अवसर पर एक-एक निःशुल्क सिलेण्डर उपलब्ध कराने के लिए बजट में प्राविधान कर दिया है। वर्ष 2025 में प्रयागराज में दिव्य एवं भव्य महाकुम्भ के लिए भी बजट में व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 वर्षाें तक राज्य सरकार ने बिना झुके, बिना डिगे, बिना रुके लगातार प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया है। परिणामस्वरूप प्रदेश की जनता जनार्दन ने पुनः बहुमत के साथ अपना आशीर्वाद हमें प्रदान किया। प्रदेश की 25 करोड़ जनता के उत्थान, कल्याण, विकास, रोजगार, ईज आॅफ लिविंग व उसके बेहतर भविष्य के बारे में हम सभी की जिम्मेदारी है। हम सब लोग इस दिशा में मिलकर कार्य करेंगे तो अच्छा होगा। राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में इन्हीं बिन्दुओं पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। सरकार की उपलब्धियों व भावी योजनाओं की जानकारी अभिभाषण के माध्यम से दी गयी है। उन्होंने राज्यपाल जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अभिभाषण के माध्यम से समवेत सदन को अपना मार्गदर्शन प्रदान किया और शासन को अच्छे कार्य के लिए प्रोत्साहित किया। उत्तर प्रदेश बेहतर दिशा में आगे बढ़ रहा है। सदन में विभिन्न दलों के 144 सदस्यों ने चर्चा में सहभागिता की, इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने उनका धन्यवाद किया।
‘बाधाएं आती हैं आएं, गिरे प्रलय की घोर घटाएं,
पांव के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते, आग लगाकर चलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा, कदम मिलाकर चलना होगा।
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