समीक्षा न्यूज—विवेक जैन
- डाइबिटीज, हृदय रोग, थायराइड, मोटापा, ब्रेन स्ट्रोक, पाली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी अनेकों बीमारियों से बचाव के लिए मोटे अनाज का करे सेवन - डा मोनिका गुप्ता
बागपत। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य पोषण मिशन उत्तर-प्रदेश द्वारा 20 मार्च से 03 अप्रैल 2023 तक पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिला प्रशासन के सहयोग से जिले भर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सामान्य दिनचर्या में होने वाली बीमारियों से लोगों का बचाव हो सके। इसी क्रम में लोगों को जागरूक करने में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी बागपत डा मोनिका गुप्ता महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। वह लोगों को मोटे अनाज से होने वाले लाभों के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मोटे अनाजों में औषधीय गुण, विटामिन, मिनरल और पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। बताया कि मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करके डाइबिटीज, हृदय रोग, थायराइड, मोटापा, ब्रेन स्ट्रोक, पाली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी अनेकों बीमारियों से बचा जा सकता है। मोटे अनाज आयरन, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ-साथ उच्च फाइबर युक्त होने के कारण आंतों की सफाई कर कब्ज नहीं होने देते और कोलेस्ट्रोल कम करने में भी सहायक होते है। डा मोनिका गुप्ता ने बताया कि अधिकांश मोटे आनाज आर्गेनिक होते हैं, अर्थात इनकी खेती बिना रासायनिक खाद, बिना खतरनाक कीटाणुनाशक एवं बिना खरपतवार नाशक रसायनों के होती है, जिस कारण इनको स्वास्थ्य के लिये बहुत ही गुणकारी बताया गया है। आयुर्वेद और प्राचीन ग्रंथों में मोटे अनाज के अनेकों लाभ बताये गये है। डाक्टर मोनिका गुप्ता ने घर पर ही मल्टीग्रेन आटा बनाकर उसका सेवन करने की सलाह दी। बताया कि कठिया गेहू अर्थात ब्राउन व्हीट या देशी गेहूं 10 किलो में देशी चना 2 किलो, साँवा 250 ग्राम, कोदो 250 ग्राम, रागी 250 ग्राम, कंगनी 250 ग्राम, ज्वार 500 ग्राम, बाजरा 500 ग्राम, मक्का 500 ग्राम जौ 500 ग्राम मिलाकर पिसवा लें व चोकर के साथ इस्तेमाल करें। बताया कि इस प्रकार का आटा नियमित रूप से खाने से न सिर्फ अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है, अपितु कई रोगों से मुक्ति भी पाई जा सकती है।
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