धनसिंह—समीक्षा न्यूज
वासन्ति नवसस्येष्टि यज्ञ नई फसलों की प्रसन्नता का यज्ञ है-स्वामी आर्यवेश
गाजियाबाद। वीरवार को शंभू दयाल वैदिक सन्यास आश्रम,दयानन्द नगर के प्रांगण में स्वामी सत्यपति के ब्रह्मत्व में होली नवसस्येष्टि यज्ञ महोत्सव हर्षोल्लास से संपन्न हुआ,वेद पाठ आश्रम के ब्रह्मचारियों ने किया।
आश्रमाध्यक्ष एवं सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी आर्यवेश जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वासन्ति नवसस्येष्टि यज्ञ नई फसलों की प्रसन्नता का यज्ञ है।यज्ञ से हम पर्यावरण शुद्धकर बीमारियों से बच सकते हैं।चेतन और जड़ देवताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि माता,पिता गुरु आदि चेतन देवता हैं,इनकी सेवा श्रुषा भी यज्ञ है। जड़ देवताओं का मुख अग्नि है उसको जो हम समर्पित करते हैं,वह अपने पास नहीं रखती,सब जगह फैला देती है,सब को पंहुच जाता है।यह एक बहुत बड़ा विज्ञान है जो व्यक्तिगत जीवन तक सीमित न रहकर सार्वजनिक रूप में रहता है।धीरे धीरे लोग इस वैदिक स्वरूप को समझेंगे।वह ईश्वर इतना महान है जिसने ब्रह्मांड और मानव शरीर की रचना की है,उसकी उपासना जितनी की जाए कम है।यज्ञ संसार का सर्वश्रेष्ठ कर्म है,पर विस्तृत चर्चा की।अन्य जितने भी कार्य जिनसे प्राणी मात्र का उपकार होता है,यज्ञ हैं।होली की आज की चल रही विकृतियों को दूर करने का संदेश दिया।चारों यज्ञमानों को पुष्प वर्षा कर आशीर्वाद दिया और प्रभु से शतायु होने की प्रार्थना की।
इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रीमती एवं श्री सत्य केतु एडवोकेट, बालेश्वर त्यागी, राजेंद्र यादव, इंद्रवीर सिंह भाटी, अशोक अग्रवाल, मानसिंह, वेद व्यास, सुभाष शर्मा, पवन लाटा, राजपाल त्यागी, जितेंद्र आर्य, प्रवीण आर्य,उदयवीर, मंगल सिंह चौधरी आदि उपस्थित रहे। शांतिपाठ,प्रसाद वितरण के साथ महोत्सव संपन्न हुआ।
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